एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 30 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, 'सामूहिक छुट्टी' के बाद कार्रवाई
कर्मचारियों की बगावत से जूझ रही एयर इंडिया एक्सप्रेस ने बड़ा कदम उठाया है। एयरलाइन ने चालक दल से जुड़े हुए कम से कम 30 सदस्यों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें वे लोग शामिल हैं, जो 7 मई को देर रात अचानक से बीमारी के चलते छुट्टी पर चले गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन कर्मचारियों को निष्कासित किया गया है, वे ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे और उनका व्यवहार भी ठीक नहीं था।
कंपनी ने क्या कहा?
कंपनी ने कहा, "काम से ठीक पहले बीमार होने की सूचना देना इस बात की ओर इशारा करता है कि चालक दल सदस्य फ्लाइट ऑपरेशंस को जानबूझकर बाधित करना चाहते थे, जो कानूनों और नियमों के खिलाफ है। चालक दल ने एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड की कर्मचारी शर्तों और नियमों का भी उल्लंघन किया है। परिणामस्वरूप, बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे पूरा शेड्यूल बाधित हो गया और हमारे सम्मानित यात्रियों को भारी असुविधा हुई।"
कुछ और दिनों तक प्रभावित होंगी उड़ानें
एयर इंडिया एक्सप्रेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आलोक सिंह ने बताया कि एयरलाइन आने वाले दिनों में अपनी उड़ान संख्या को कम कर देगी। उन्होंने कहा, "कर्मचारियों की कमी की वजह से हमारे नेटवर्क पर काफी असर हुआ है। हमें अगले कुछ दिनों के लिए पहले से निर्धारित उड़ानों में कटौती करनी पड़ रही है। चालक दल की कमी और रोस्टर को सही करने के चलते ये कदम उठाना पड़ रहा है।"
चर्चा के लिए नेतृत्व पूरी तरह तैयार- CEO
आलोक ने कहा कि इस संकट के समय जो लोग एयरलाइन के साथ खड़े हैं, वे उनके आभारी हैं। उन्होंने कहा, "किसी भी तरह की चर्चा के लिए नेतृत्व पूरी तरह तैयार है। बातचीत के सभी विकल्प खुले हुए हैं। जो चालक दल के वरिष्ठ सदस्य है, जिन्होंने एयरलाइंस को छोटे से बड़ा होते देखा है, देशभर में मजबूत नेटवर्क है, 350 से अधिक उड़ानों का संचालन हो रहा है, उन लोगों की हमारे साथ बड़ी भूमिका है।"
क्या है मामला?
दरअसल, 7 मई की देर रात एयरलाइंस के 300 कर्मचारी बीमार होने के चलते अचानक छुट्टी पर चले गए हैं, जिसके चलते यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने अपनी कम से कम 7 मांगें प्रबंधन के सामने रखी हैं, जिनमें वेतन में असमानता, कुप्रबंधन और आश्वासन के बावजूद लोगों को नौकरी से निकाले जाना शामिल हैं। कर्मचारियों ने इस संबंध में टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन को पत्र भी लिखा था।