
#NewsBytesExplainer: क्या होती हैं मेटा फिल्में? कैसे मनोरंजन जगत में होता है इनका इस्तेमाल
क्या है खबर?
कहते हैं फिल्में जिंदगी का आइना होती हैं। फिल्मों में वही दिखाया जाता है, जो हमारे समाज में या हमारे आस-पास होता है। फर्क बस इतना है कि उसे मनोरंजक तरीके से दर्शकों के सामने पेश किया जाता है।
इन्हीं में मेटा फिल्में भी आती हैं, जो बार-बार वास्तविक दुनिया की ओर इशारा तो करती हैं, लेकिन पलक झपकते ही दर्शकों को फिल्मों के अंदर ही अन्य फिल्मों की दुनिया में ले जाती हैं।
आइए इनके बारे में जानें।
परिभाषा
क्या होता है मेटासिनेमा?
मेटासिनेमा फिल्म निर्माण का वह तरीका है, जिसमें फिल्म दर्शकों को बताती या एहसास कराती है कि वे काल्पनिक दुनिया देख रहे हैं।
आसान भाषा में देखा जाए तो मेटा फिल्में ऐसी तकनीक हैं, जिसमें फिल्मों के अंदर फिल्मी दुनिया के बारे में जानकारी दी जाती है।
यह जानकारी ज्यादातर चुटकुलों के रूप में होती है। ये जानकारी या चुटकुले फिल्म की विशेष घटनाओं, दिलचस्प किस्सों या फिल्मी जगत के अन्य रोचक तथ्यों को बताने के लिए इस्तेमाल होती है।
जानकारी
क्या हैं मेटा फिल्में?
मेटा फिल्में वास्तविक फिल्में नहीं होतीं, बल्कि यह एक तरह की फिल्मी तकनीक है। जब किसी फिल्म में किसी दूसरी फिल्म के किरदार, कहानी या फिल्मी तत्वों का उपयोग किया जाता है, तो उसे मेटा फिल्म कहा जाता है।
टीवी
टीवी की दुनिया में भी होता है इस्तेमाल
किसी भी मेटा फिल्म में दर्शकों को यह पता होता है कि जो वह देख रहे हैं, उसमें अन्य फिल्मों का मजाक उड़ाया जा रहा है, लेकिन फिर भी वे इसकी सराहना करते हैं।
मेटासिनेमा सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल कई धारावाहिकों में भी देखने को मिलता है। बहुत से सिटकॉम हैं, जिनमें इसका उपयोग किया जाता है।
पिछले काफी समय से फिल्मों-टीवी शो में मेटासिनेमा का इस्तेमाल करके सबका मनोरंजन किया जा रहा है।
उदाहरण
हॉलीवुड से लेकर बॉलवुड तक हो रहा इस्तेमाल
मेटासिनेमा कई वर्षों से प्रचलन में हैं और ये किसी शैली, देश या भाषा तक सीमित नहीं हैं। आपको मेटासिनेमा हॉरर से लेकर कॉमेडी शैली तक देखने को मिल जाएगा।
'कंटेम्प्ट', 'F फॉर फेकट, 'द पैशन ऑफ अन्ना','थ्रू द ऑलिव ट्रीज','डेडपूल', 'लास्ट एक्शन हीरो' और 'वंस अपॉन ए टाइम इन हॉलीवुड' जैसी हॉलीवुड फिल्मों में इसका इस्तेमाल हुआ है।
रोहित शेट्टी निर्देशित सुपरहिट 'गोलमाल' फ्रेंचाइजी और 'C कंपनी' जैसी फिल्मों में भी इसका इस्तेमाल किया गया है।
गोलमाल
'गोलमाल' में खूब हुआ इसका इस्तेमाल
अजय देवगन अभिनीत 'गोलमाल' फ्रेंचाइजी में बहुत से पल ऐसे हैं, जहां आपको दूसरी फिल्मों के पलों को चित्रित करके हंसाया जाएगा। फिर चाहे वह कभी भी अजय का 'सिंघम' के रूप में आ जाना हो या फिर बात-बात पर एकता कपूर और उनके टीवी सीरियल का मजाक उड़ाना हो।
फिल्म में अन्य फिल्मों और शो के दृश्यों को भारी मात्रा में इस्तेमाल किया गया।
'C कंपनी' की बात करें तो इसमें कई टीवी अभिनेताओं ने कैमियो भी किया है।
ओम शांति ओम
फिल्म को लेकर ही बना दी दूसरी फिल्म
बॉलीवुड की सबसे मनोरंजक फिल्मों में से एक 'ओम शांति ओम' में 2 कलाकारों के प्यार और बदले की कहानी को दिखाया गया है।
प्रशंसकों को फिल्म बहुत पसंद आई थी, लेकिन शायद ही किसी ने गौर फरमाया हो कि इसकी कहानी हमें हिंदी सिनेमा की गहरी दुनिया में झांकने का मौका देती है।
शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म दिखाती है कि चकाचौंध भरी यह दुनिया वास्तव में कैसे काम करती है। यह मेटासिनेमा का बढ़िया उदाहरण है।
जानकारी
सीरीज 'शोटाइम' में दिखी बॉलीवुड की कहानी
डिज्नी+हॉटस्टार पर रिलीज हुई वेब सीरीज 'शोटाइम' में भी बॉलीवुड की काली दुनिया को उजागर करके लोगों का मनोरंजन किया गया है। इमरान हाशमी, राजीव खंडेलवाल और नसीरुद्दीन शाह अभिनीत सीरीज में दिखाया गया है कि इंडस्ट्री में किस तरह के रिश्ते होते हैं।
अन्य उदाहरण
ये भी इस सूची में शामिल
आयुष्मान खुराना की फिल्म 'एन एक्शन हीरो' को भी मेटा फिल्म की सूची में रखा जा सकता है। फिल्म के शीर्षक से लेकर इसकी कहानी के ट्विस्ट और निष्पादन तक इसने अपनी हर चीज से हिंदी सिनेमा को श्रद्धांजलि दी है।
कैटरीना कैफ, सिद्धांत चतुर्वेदी और इशान खट्टर अभिनती फिल्म 'फोन भूत' एक और फिल्म थी, जो पॉप कलचर की उदाहरणों से भरपूर थी और बॉलीवुड फिल्मों, सोशल मीडिया ट्रेंड और विज्ञापनों से काफी मेल खाती थी।