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    #NewsBytesExplainer: शूटिंग के बाद कैसे सहेजे जाते हैं इतने सारे शॉट? जानिए क्या है क्लैपर बोर्ड
    क्या होता है क्लैपर बोर्ड?

    #NewsBytesExplainer: शूटिंग के बाद कैसे सहेजे जाते हैं इतने सारे शॉट? जानिए क्या है क्लैपर बोर्ड

    लेखन आकांक्षा शर्मा
    Dec 25, 2023
    10:00 am

    क्या है खबर?

    लाइट... कैमरा.. एक्शन... आपने भी कहीं ना कहीं ये शब्द जरूर सुने होंगे।

    अगर आपकी फिल्म निर्माण में रुचि है तो आपने इन शब्दों के साथ एक खास तरह का बोर्ड भी देखा होगा, जिसे कैमरे पर एक्शन बोलने के साथ देखा जाता है।

    इन बोर्ड पर कोई न कोई संख्या लिखी होती है। दरअसल, ये क्लैपर बोर्ड होते हैं। फिल्म के सेट पर इन्हें फिल्म स्लेट कहा जाता है।

    आपको बताते हैं फिल्म स्लेट क्यों इस्तेमाल किए जाते हैं।

    जरूरत

    क्यों इस्तेमाल होते हैं क्लैपर बोर्ड?

    क्लैपर बोर्ड एक फिल्ममेकिंग का एक अहम उपकरण है, जिसका इस्तेमाल आवाज और वीडियो का तालमेल बिठाने के लिए किया जाता है।

    दरअसल, फिल्म की शूटिंग के दौरान सिर्फ दृश्यों को रिकॉर्ड किया जाता है। किरदारों के संवाद को अलग से रिकॉर्ड किया जाता है। इस प्रक्रिया को डबिंग कहते हैं।

    एडिटिंग के वक्त क्लैपर बोर्ड की आवाज की मदद से ऑडियो और वीडियो को एक साथ जोड़ा जाता है।

    मदद

    क्लैपर बोर्ड के बिना मुश्किल होता एडिटर का काम

    आमतौर पर क्लैपर बोर्ड की धारियां ब्लैक एंड व्हाइट होती हैं। कुछ खास शॉट को ध्यान रखने के लिए रंगीन धारियों वाले क्लैपर बोर्ड का भी इस्तेमाल होता है।

    क्लैपर बोर्ड के बिना फिल्म एडिटिंग का काम बेहद जटिल होता।

    हर शॉट के पहले फ्रेम में क्लैपर बोर्ड दिखता है। जिस पर दृश्य और टेक की संख्या लिखी होती है। इससे एडिटर एक दृश्य के सभी टेक को एक फोल्डर में व्यवस्थित रख सकता है।

    सूचनाएं

    बोर्ड पर लिखी होतीं हैं ये जानकारियां

    फिल्म के किसी सहायक निर्देशक को क्लैपर बोर्ड की जिम्मेदारी दी जाती है। इन्हें क्लैपर बोर्डर भी कहते हैं।

    क्लैपर बोर्ड पर फिल्म, प्रोडक्शन कंपनी, निर्देशक और सिनेमैटोग्राफर का नाम स्थाई होता है। इसके अलावा दृश्य और टेक के अनुसार उनकी संख्या लिखी जाती है।

    इस पर कैमरा एंगल, जैसे क्लोजअप, वाइड एंगल आदि का भी जिक्र होता है।

    क्लैपर बोर्डर की जिम्मेदारी होती है कि वह सुनिश्चित करे कि इन पर सभी जानकारी सही तरीके से लिखी हों।

    अंग्रेजी अक्षर

    अंग्रेजी अक्षरों के होते हैं खास मायने

    दृश्य के लिए इस्तेमाल किए गए कैमरा सेटअप को दर्शाने के लिए क्लैपर बोर्ड पर अंग्रेजी अक्षर लिखे जाते हैं।

    क्लैपर बोर्ड पर आमतौर पर 'I S O Z' नहीं लिखे जाते हैं, क्योंकि '1 5 0 2' से भ्रमित होने की आशंका रहती है।

    अगर कैमरे का लेंस बदला गया है या फिर लोकेशन बदली गई है तो क्लैपर बोर्ड पर नए अक्षर लिख दिए जाते हैं।

    VFX के लिए V, रीशूट के लिए R का इस्तेमाल होता है।

    नियम 

    इन बातों का रखा जाता है खास ध्यान

    क्लैपर बोर्ड लोडर किसी भी दृश्य को शुरू होने से पहले कैमरा के सामने क्लैप बोर्ड को पकड़ते हैं और उस पर लिखी जानकारियों को पढ़ते हैं। इसके बाद वे बोर्ड से क्लैप करके हट जाते हैं।

    अगर किसी शॉट के लिए एक से ज्यादा कैमरे का इस्तेमाल हो रहा है तो हर कैमरे के लिए अलग क्लैप बोर्ड का इस्तेमाल होगा।

    अगर क्लैपर बोर्ड कलाकार के बेहद पास है तो इसे बेहद धीमे से बजाया जाएगा।

    इतिहास 

    नए जमाने के साथ क्लैपर बोर्ड भी हुआ स्मार्ट

    क्लैपर बोर्ड का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना फिल्मों का। मूक फिल्मों के जमाने से इसका इस्तेमाल हो रहा है।

    इसका आविष्कार ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्देशक एफ डब्लू थ्रिंग ने 1931 में किया था। साउंड वर्कर लियोन एम लियोन ने इसमें बदलाव किए थे।

    आधुनिक समय में जब सबकुछ स्मार्ट हो गया है तो क्लैपर बोर्ड भी इसी राह पर हैं।

    आजकल स्मार्ट क्लैपर बोर्ड का इस्तेमाल होता है, जिसमें सूचनाएं डिजिटल रूप से दर्शायी और सहेजी जा सकती हैं।

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