मनोज बाजपेयी ने 'जोरम' के ऑस्कर लाइब्रेरी में शामिल होने पर दी प्रतिक्रिया
क्या है खबर?
मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी वेब सीरीज 'द किलर सूप' के लिए चर्चा में हैं।
पिछले साल उनकी फिल्म 'जोरम' ने दुनियाभर के दर्शकों और समीक्षकों के बीच अपनी पहचान बनाई।
हाल ही में 'जोरम' के स्क्रीनप्ले को अकैडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज की लाइब्रेरी (ऑस्कर की लाइब्रेरी) के स्थाई संग्रह में शामिल किया गया है। यह 'जोरम' की टीम के लिए गर्व की बात है।
अब मनोज ने पहली बार इस पर प्रतिक्रिया दी है।
मान्यता
मैं मान्यता के लिए नहीं करता काम- मनोज
न्यूज 18 से बातचीत में मनोज ने कहा, "यह एक बेहतरीन खबर आई है। हमें लगता है इसके साथ ही हमने एक चक्र पूरा कर लिया है। मैं मान्यता के लिए काम नहीं करता हूं। मैं इसलिए काम करता हूं, क्योंकि मैं यही करना चाहता हूं और इसके लिए मेरे अंदर जुनून है।"
वाजपेयी इस फिल्म से शुरु से ही जुड़े थे। उन्होंने कहा कि वह फिल्म के परिणाम से ज्यादा उसकी प्रक्रिया का मजा लेते हैं।
आलोचक
मनोज का सबसे बड़ा आलोचक कौन?
हालांकि, इस उपलब्धि से मनोज ने अपने काम की समीक्षा नहीं छोड़ी है। वह खुद को अपना सबसे बड़ा आलोचक मानते हैं।
उन्होंने कहा, "आखिर में आप ही अपने सबसे बड़े और सबसे अच्छे आलोचक होते हैं। सिर्फ मुझे ही पता होगा कि मैं कितना और कर सकता था और कितना छोड़ दिया। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। मुझे इसी बात की खुशी है कि मैं लगातार बेहतर हो रहा हूं।"
जोरम
फिल्म
'जोरम' 8 दिसंबर को रणबीर कपूर की 'एनिमल' के 1 हफ्ते बाद सिनेमाघरों में आई थी।
फिल्म की बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन पर मनोज की राय थी कि इससे सिनेमा की गुणवत्ता नहीं मापी जा सकती है।
'जोरम' की कहानी दसरू (मनोज) की है, जिसकी पत्नी की मुंबई में हत्या हो जाती है। इसका इल्जाम उस पर लगता है और ऐसे में वह अपनी 3 महीने की बच्ची के साथ वापस अपने गांव भागने की कोशिश में जुट जाता है।
लाइब्रेरी
क्या है ऑस्कर की लाइब्रेरी?
ऑस्कर लाइब्रेरी में दुनियाभर के फिल्म जानकारों, छात्रों और शिक्षकों के रिसर्च के लिए सामग्री उपलब्ध होती है।
यह लॉस एंजेलिस में स्थित है और अकैडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स इसका संचालन करती है।
इसकी स्थापना 1928 में हुई थी। यहां मौजूद सामग्री सिर्फ यहीं बैठकर पढ़ने के लिए उपलब्ध होती हैं।
इसकी सख्ती से निगरानी की जाती है कि कोई इसे चुरा या बांट न सके। लोग लाइब्रेरी में इन सामग्रियों को डिजिटल तौर पर भी पढ़ सकते हैं।