'सिर्फ एक बंदा काफी है' के निर्माताओं को पीसी सोलंकी ने भेजा नोटिस, जानिए मामला
क्या है खबर?
इन दिनों फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' चर्चा में है। यह एक दमदार कोर्टरूम ड्रामा फिल्म है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है।
यह फिल्म कथित संत आसाराम पर नाबालिग से रेप के मामले पर आधारित है।
फिल्म में आसाराम के खिलाफ केस लड़ने वाले बहादुर वकील पूनम चंद सोलंकी की कहानी दिखाई गई है, जिनका किरदार मनोज बाजपेयी ने निभाया है।
अब सोलंकी ने निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेज दिया है।
जानते हैं क्या है पूरा मामला।
फिल्म
क्या है फिल्म की कहानी?
'बंदा' में मनोज बाजपेयी ने वकील पीसी सोलंकी का किरदार निभाया है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे सोलंकी ने राम जेठमलानी और सुब्रमण्यम स्वामी जैसे प्रतिष्ठित वकीलों के सामने तथ्य रखकर जिरह की और आसाराम को उम्रकैद की सजा दिलवाई।
मनोज के दमदार अभिनय ने सोलंकी की बहादुरी को बेहतरीन तरीके से दिखाया है, जिसके बाद हर कोई दोनों की प्रशंसा कर रहा है।
ZEE5 की इस फिल्म का निर्देशन अपूर्व कार्की ने किया है।
आपत्ति
सोलंकी ने जताई यह आपत्ति
जहां हर कोई मनोज के किरदार की तारीफ कर रहा है, वहीं खुद सोलंकी इससे खुश नहीं हैं।
उन्होंने निर्माताओं पर बौद्धिक संपदा के अधिकार (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट) के हनन का आरोप लगाते हुए निर्माताओं को नोटिस भेजा है।
मीडिया से बातचीत में सोलंकी ने कहा, "यह दावा कैसे किया जा सकता है कि यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है, जब मुझसे कोई NOC नहीं लिया गया? न ही स्क्रिप्ट के लिए मुझसे मंजूरी ली गई।"
आरोप
सोलंकी ने बायोपिक के लिए साइन किया था एग्रीमेंट
सोलंकी ने यह भी आरोप लगाया कि जिन्होंने उनके साथ एग्रीमेंट पर साइन किया था, उन्होंने बिना उनकी जानकारी के इसके राइट्स किसी और को बेच दिए। सोलंकी ने यह एग्रीमेंट एक बायोपिक के लिए साइन किया था।
उनका आरोप है कि जून 2021 में उनके साथ यह करार हुआ था और सितंबर में यह किसी तीसरी पार्टी को बेच दिया गया। इससे वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
बयान
मुझे अंधेरे में रखा गया- सोलंकी
बकौल सोलंकी, "मुझे अंधेरे में रखा गया। जिन्होंने इसके राइट्स खरीदे उन्होंने भी मुझे कुछ नहीं बताया। यह मेरे बैद्धिक संपदा के अधिकार का हनन है। मैंने ट्रायल कोर्ट में एक मामला दर्ज कराया है। निर्माताओं को नोटिस भेजा गया है। इसकी अगली सुनवाई 31 मई को होगी।"
इससे पहले फिल्म के निर्माताओं को आसाराम के ट्रस्ट की ओर से भी नोटिस भेजा गया था। ट्रस्ट ने फिल्म की रिलीज और प्रचार-प्रसार पर रोक की मांग की थी।