#NewsBytesExplainer: लगभग 67 साल पुराना है FWICE का इतिहास, जानिए फिल्मों में इसकी भूमिका
क्या है खबर?
FWICE पिछले दिनों तब सुर्खियों में आया, जब इसकी मांग के चलते अक्षय कुमार की फिल्म 'वेलकम टू द जंगल' की शूटिंग रुक गई।
दरअसल, FWICE ने शर्त थी कि जब तक निर्माता फिरोज नाडियाडवाला पिछली फिल्म 'वेलकम 2' के तकनीशियनों की बकाया धनराशि नहीं चुकाएंगे, उन्हें अगली किस्त पर काम शुरू करने की इजाजत नहीं मिलेगी।
विवाद के बादल छटे, जब फिरोज FWICE के जरिए पैसे देने को राजी हुए।
आइए FWICE की भूमिका को विस्तार से समझें।
कारण
क्यों हुई FWICE की शुरुआत?
सिनेमा जगत से जुड़े न जाने कितने लाेग मायानगरी मुंबई में रहते हैं। इन सबको एक तार से जोड़े रखने के लिए 1956 में FWICE यानी फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज की शुरुआत हुई थी।
यह फेडरेशन मनोरंजन जगत में काम करने वाले तकनीशियनों, कारीगरों, कामगारों, कलाकारों और निर्माताओं के अलग अलग संघों के बीच समन्वय बनाए रखने का काम करता है।
बीएन तिवारी इसके प्रमुख हैं। ऐसे करीब 32 संघ इस फेडरेशन के तहत काम करते हैं।
नाम
नाम से इसलिए जुड़ा है 'वेस्टर्न इंडिया'
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज ये नाम सुनकर आपके जहन में ये बात आती होगी कि आखिर इसके नाम के साथ वेस्टर्न इंडिया क्यों जुड़ा है?
दरअसल, पूरे देश में ऐसे ही 5 फेडरेशन और हैं। इसमें कोलकाता फेडरेशन, बंगाल फेडरेशन, साउथ इंडियन फेडरेशन और तमिल फेडरेशन शामिल हैं। हिंदी में काम करने वालों का डेरा पश्चिम भारत का शहर मुंबई रहा है, इसलिए ये वेस्टर्न इंडिया फेडरेशन है।
सदस्य
एसोसिएशन में कौन-कौन शामिल?
इसमें कुल 32 एसोसिएशन शामिल हैं, जिनमें निर्माता, निर्देशक, स्पॉटबॉय, लाइट लगाने वाले, सुरक्षा करने वाले, बाउंसर, वैनिटी वैन वाले, जूनियर आर्टिस्ट, महिला आर्टिस्ट, उनको सप्लाई करने वाले, डांसर, डांस मास्टर, म्यूजिक डायरेक्टर, सिंगर, आर्ट डायरेक्टर आदि शामिल हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष तिवारी खुद इस बारे में बता चुके हैं।
लॉकडाउन में जब मुंबई में शूटिंग पूरी तरह से बंद थी तो अपने संघों के सदस्यों के लिए तिवारी और उनकी टीम सक्रिय रही और जरूरतमंदो की खूब मदद की।
सदस्य
5 लाख से ज्यादा सदस्य हैं इसका हिस्सा
इस फेडरेशन से 5 लाख से ज्यादा सदस्य जुड़े हैं। FWICE, UNI APRO का सदस्य है, जो स्वयं यूनियन नेटवर्क इंटरनेशनल (UNI) का हिस्सा है।
मुंबई के उत्तरी उपनगर अंधेरी में FWICE का कार्यालय स्थित है।
इसे बॉलीवुड का रक्षक माना जाता है। इसने फिल्म निर्माताओं को यह अहसास कराया है कि फिल्म के सेट पर हर जिंदगी मायने रखती है। साधारण शब्दों में समझें तो इसका मकसद फिल्म के सेट को एक स्वस्थ कार्यस्थल बनाना है।
जानकारी
इन सब बातों का रखा जाता है ध्यान
फेडरेशन सुनिश्चित करता है कि सेट पर शूटिंग के समय शोषण न हो। हर शख्स को समय से वेतन भुगतान हो। एक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन हो, उचित बीमा व्यवस्था हो, साफ-सुथरा खाना, स्वच्छ पानी, महिला कामगारों के लिए शौच आदि की उचित व्यवस्था हो।
अधिकार
फेडरेशन के पास हैं ये अधिकार
जब कोई प्रोडक्शन हाउस या फिल्म निर्माता फेडरेशन की मांग पूरी नहीं करता तो यह सेट पर फिल्मकर्मियों से 'काम धीरे करो और अंत में काम बंद करो' की नीति अपनाने के लिए कहता है।
अगर काम के दौरान किसी तकनीशियन के साथ कोई घटना घट जाती है तो फेडरेशन उसके परिवार को मुआवजा दिलाने में मदद करता है।
मौत होने पर मृतक के परिजनों के लिए FWICE अधिकतम 35 लाख रुपये के मुआवजे की मांग कर सकता है।
बकबं
लव रंजन से भी FWICE ने की थी मुआवजे की मांग
पिछले साल FWICE ने 'चित्रकूट स्टूडियो' में निर्माता-निर्देशक लव रंजन और रणबीर कपूर की फिल्म 'तू झूठी मैं मक्कार' के सेट पर आग की घटना में मारे गए मारे गए एक शख्स के लिए मुआवजे की मांग की थी।
FWICE ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, BMC कमिश्नर और अन्य अधिकारियों को मुंबई में शूटिंग के स्थानों पर सुरक्षा को लेकर हो रही लापरवाही के कारण आग की बढ़ती घटनाओं पर एक पत्र भी लिखा था।