Page Loader
जसपिंदर नरूला को मिलेगा पद्मश्री सम्मान, जानें कैसे उन्होंने संगीत द्वारा बनाई अपनी पहचान
जसपिंदर नरूला को मिलेगा पद्मश्री

जसपिंदर नरूला को मिलेगा पद्मश्री सम्मान, जानें कैसे उन्होंने संगीत द्वारा बनाई अपनी पहचान

लेखन अंजली
Jan 29, 2025
11:01 am

क्या है खबर?

पद्मश्री सम्मान किसी विशेष क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट काम करने के लिए दिया जाता है और इस साल जिन्हें पद्मश्री से नवाजा जाने वाला है, उनमें से एक जसपिंदर नरूला भी हैं। ANI से जसपिंदर ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "मैं यह पुरस्कार अपने माता-पिता को समर्पित करती हूं, जो मेरे पहले गुरु रहे। इस क्षण मैं उन्हें बहुत याद कर रही हूं।" आइए जसपिंदर के इस शानदार सफर के बारे में जानते हैं।

शुरुआत

कम उम्र में ही जसपिंदर ने संगीत की दुनिया में रखा कदम

14 नवंबर, 1970 में दिल्ली में जन्मी जसपिंदर के पिता सरदार केसर सिंह नरूला 1950 के दशक के संगीतकार थे, जबकि माता मोहिनी नरूला गायिका थी, जिस कारण कम उम्र में ही जसपिंदर के गायन करियर की शुरूआत हो गई थी। जसपिंदर ने पहले अपने पिता, फिर उस्ताद गुलाम सादिक खान से संगीत की शिक्षा ली और शुरू में भजन और सफियाना रचनाएं गाईं। साल 2008 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अपनी PhD पूरी की।

फिल्मी गाने

फिल्मों में गाने की जसपिंदर ने ऐसे की शुरूआत

मशहूर संगीत निर्देशक कल्याणजी की सलाह पर जसपिंदर मुंबई चली गई। कल्याणजी ने दिल्ली में एक निजी समारोह में जसपिंदर का गाना सुना था और संगीत निर्देशक विजू शाह से उन्हें 'मास्टर', 'आर या पार' और 'बड़े मियां छोटे मियां' जैसी फिल्मों में गाने का मौका देने के लिए कहा। इसके बाद जसपिंदर मशहूर हो गई और उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों जैसे 'दूल्हे राजा', 'विरासत', 'मोहब्बतें' और 'बंटी और बबली' आदि संगीत एल्बम रिकॉर्ड करने के लिए अपनी आवाज दी।

राजनीति

जसपिंदर को नहीं पसंद आई राजनीति

फरवरी, 2014 में जसपिंदर आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुई थी, लेकिन कुछ समय बाद ही नवंबर में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जसपिंदर ने कहा था, "राजनीति में शामिल होने के बाद मुझे एहसास हुआ कि यह मेरे द्वारा देखे गए अनुभव से बिल्कुल अलग है। चीजें उस तरह से काम नहीं कर रही थीं जैसा मैं चाहती थीं।" इसके बाद जसपिंदर कुछ समय तक बॉलीवुड से भी दूर रही।

पुरस्कार

जसपिंदर के पुरस्कारों में शामिल हुआ पद्मश्री

साल 1999 में जसपिंदर को सर्वश्रेष्ठ फीमेल प्लेबैक सिंगर की कैटेगरी में 'प्यार तो होना ही था' गाने के लिए फिल्म फेयर ऑवर्ड मिला था। इसके बाद ही उन्हें सर्वश्रेष्ठ फीमेल प्लेबैक सिंगर की कैटेगरी में 'प्यार तो होना ही था' गाने के लिए ही स्क्रीन ऑवर्ड भी मिला था। इसके अलावा गायिका को अपने अलग-अलग गानों के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं और अब उन्होंने अपनी मेहनत से पद्मश्री भी हासिल कर लिया है।