विश्व टेलीविजन दिवस: वो टीवी धारावाहिक, जो आज भी किए जाते हैं याद
क्या है खबर?
आज विश्व टेलीविजन दिवस है। भारत में अगर बॉलीवुड को किसी और इंडस्ट्री ने चुनौती दी है तो कोई शक नहीं कि वह टीवी इंडस्ट्री है। टीवी जगत के कई ऐसे मशहूर धारावाहिक रहे, जिन्होंने दर्शकों का एक बड़ा वर्ग तैयार किया।
यह कहना गलत नहीं होगा कि छोटे पर्दे की मजबूती के पीछे इन धारावाहिकों का योगदान सबसे अहम रहा।
आइए विश्व टेलीविजन दिवस के इस खास मौके पर हम आपको ऐसे ही कुछ धारावाहिकों से रूबरू कराते हैं।
#1
'हम लोग'
7 जुलाई, 1984 को देश का पहला दूरदर्शन धारावाहिक 'हम लोग' शुरू हुआ था। यह एक भारतीय मध्यमवर्गीय परिवार की दैनिक जिंदगी में आने वाली समस्याओं और उनके सपनों की उड़ान पर केंद्रित था। इसने करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बनाया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस धारावाहिक को भारत के 80% से अधिक लोगों द्वारा देखा जाता था। उस समय सभी के पास टीवी उपलब्ध नहीं था। इसी कारण 80 के दशक में टेलीविजन की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई।
#2
'बुनियाद'
फिल्म 'शोले' से अमिट छाप छोड़ने वाले रमेश सिप्पी और ज्योति ने धारावाहिक 'बुनियाद' का निर्देशन किया था। इसकी कहानी मनोहर श्याम जोशी ने लिखी थी, जिसमें भारत-पाकिस्तान का विभाजन दिखाया गया था।
अस्सी के दशक के मध्य में प्रसारित किए गए 'बुनियाद' ने दर्शकों में जोश की एक नई लहर पैदा की। इसे 1986 में पहली बार प्रसारित किया गया।
इस धारावाहिक की लोकप्रियता इतनी थी कि इसे सालों बाद कई निजी चैनलों ने भी ऑन एयर किया था।
#3
'रामायण'
भारतीय टीवी इतिहास में 'रामायण' ने जो स्थान पाया, वो स्थान कभी किसी धारावाहिक को नहीं मिल पाया। ना ही 'रामायण' से पहले और ना ही 'रामायण' के बाद।
रामानंद सागर द्वारा निर्देशित इस धारावाहिक की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब इसके प्रसारण का समय होता था, लोग हाथ में फूल और आरती की थाल तक लेकर बैठते थे, क्योंकि वे इसके मुख्य किरदारों को असल के राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान समझने लगे थे।
#4
'चंद्रकांता'
90 के दशक में दिखाए जाने वाले टीवी धारावाहिकों का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार रहता था। उन्हीं में से एक धारावाहिक था 'चंद्रकांता'।
दूरदर्शन पर 1994 से 1996 तक इस धारावाहिक का प्रसारण हुआ था। देवकीनंदन खत्री के उपन्यास पर आधारित इस धारावाहिक के निर्माता नीरजा गुलेरी थे, जबकि इसका निर्देशन सुनील अग्निहोत्री ने किया था।
इस धारावाहिक में काम कर शिखा स्वरूप, शाहबाज खान, मुकेश खन्ना, इरफान खान और पंकज धीर जैसे कलाकारों ने खूब लोकप्रियता बटोरी थी।
#5
'चित्रहार'
चित्रहार की दीवानगी लोगों के सिर चढ़कर बोलती थी। 1960 के दशक में शुरू हुआ यह धारावाहिक 70 के दशक में आते-आते लोकप्रियता के चरम पर पहुंच गया था।
इसमें नए-पुराने फिल्मी गीत दिखाए और सुनाए जाते थे। यह भारतीय टेलीविजन के इतिहास का सबसे लंबा चलने वाला धारावाहिक था।
'चित्रहार' के प्रति दीवानगी सिर्फ भारत में ही नहीं थी बल्कि यह विदेशों में भी काफी लोकप्रिय था। इसमें तराना राजा की एकरिंग को भी खूब पसंद किया जाता था।
#6
'महाभारत'
1988 को पहली बार प्रसारित हुए 'महाभारत' भारतीय दर्शकों के दिलों में घर कर गया। श्री कृष्ण, भीष्म, भीम, कुंति, द्रौपदी और श्री कृष्ण के चरित्र को टीवी पर देख पूरा देश टीवी से चिपक जाता था। यह भारतीय टेलीविजन के इतिहास का सबसे लोकप्रिय धारावाहिक बन गया।
निर्माता बीआर चोपड़ा और निर्देशक रवि चोपड़ा के 'महाभारत' की लोकप्रियता इतनी थी कि इसके शुरू होते ही शहरों की गलियां, मोहल्ले और महानगरों की कॉलोनियां सन्नाटे में डूब जाती थीं।
#7
'मालगुडी डेज'
'मालगुडी डेज' दादा-दादी और गांव की याद दिलाता है। यह 1986 में आए इस धारावाहिक में 'मालगुडी' नाम के छोटे-से गांव को दिखाया गया था।
इसके 54 एपिसोड टेलिकास्ट हुए थे और इसे मशहूर लेखक आर के नारायण की लघु कहानियों पर बनाया गया था।
इसके मुख्य बालकार स्वामी ने भी बच्चों से लेकर बड़ों तक से ख़ूब वाहवाही लूटी थी। इस धारावाहिक को देख ऐसा लगता था, मानों वो सब हमारे घर या मोहल्ले में ही हो रहा हो।
क्या आप जानते हैं?
क्यों मनाया जाता है विश्व टेलीविजन दिवस?
1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाने का फैसला किया था। यह संचार और वैश्वीकरण में अहम भूमिका निभाता है। इसका महत्व रेखांकित करने के लिए ही हर साल 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जाता है।