परवीन बाबी ही नहीं, ये सितारे भी आखिरी दिनों में हो गए थे पाई-पाई के मोहताज
सिनेमा की इस चकाचौंध भरी दुनिया में रहने वाले बॉलीवुड सितारे अपने हुनर के दम पर खूब पैसा कमाते हैं और जिंदगी शानो-शौकत के साथ जीते हैं। जहां बहुत से सितारे रातोंरात शोहरत हासिल करते हैं, वहीं बहुत से ऐसे हैं जो गुमनामी के अंधेरे में चले जाते हैं। इंडस्ट्री में ऐसे एक-दो नहीं बल्कि बहुत से कलाकार रहे हैं, जो अपने आखिरी समय में पाई-पाई को मोहताज हो गए थे। चलिए जानते हैं उनके बारे में।
परवीन बाबी
परवीन बाबी का नाम अपने जमाने में बेहद खूबसूरत अभिनेत्रियों में शुमार है। उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है, लेकिन एक दौर बाद परवीन को पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी हो गई थी। इस बीमारी के कारण बहुत कुछ झेलना पड़ा था। वह सबकुछ छोड़कर अकेले रहने लगी थी। साल 2005 में वह अपने फ्लैट में मृत पाई गई थीं। बाताया जाता है कि मौत से पहले उनके अकाउंट में एक भी पैसा नहीं था।
ओपी नैय्यर और एके हंगल
भारतीय संगीत की दुनिया में मशहूर ओपी नैय्यर शराब के लती हो गए थे। कथित तौर पर जब कोई उनसे इंटरव्यू लेने आता था तो वह बदले में शराब और पैसे मांगते थे। 2007 में उनका निधन हो गया था। तकरीबन 225 फिल्में करने वाले एके हंगल अपने आखिरी दिनों में पैसों के लिए तरस गए थे। उनके पास अस्पताल के पैसे भरने के लिए भी पैसे नहीं थे। अमिताभ बच्चन ने उन्हें 20 लाख रुपये दिए थे।
मीना कुमारी और भगवान दादा
मीना कुमारी को ट्रेजडी क्वीन के नाम से पहचाना जाता था। शान से जिंदगी जीने वाली अभिनेत्री को शराब की लत थी। इसने कमाल अमरोही के साथ उनका रिश्ता भी बर्बाद कर दिया था। आखिरी दिनों में उनके पास इलाज के लिए भी पैसे नहीं थे। भगवान दादा बेहतरीन कलाकारों में से एक रहे हैं। हालांकि, एक वक्त के बाद उन्हें अपने जुहू स्थित बंगले और गाड़ियों को बेचना पड़ा था। दादा ने चॉल में अपने आखिरी दिन गुजारे थे।
भारत भूषण और विमी
भारत भूषण ने 'बैजू बावरा' से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई थी। सबका दिल जीतने के साथ ही उन्होंने इंडस्ट्री में खूब नाम और पैसा भी कमाया था। उनके पास बहुत संपत्ति थी। हालांकि, एक समय ऐसा आया जब उन्हें फिल्में मिलनी बंद हो गईं तो उन्हें फिल्म स्टूडियो के बाहर चौकीदारी कर गुजारा करना पड़ा था। 'ऐ मेरी जोहराजबीं' गाने में नजर आईं अभिनेत्री अचला सचदेव को आखिरी समय में पैसों की किल्लत का सामना करना पड़ा था।