ग्रैमी पुरस्कार विजेता शंकर महादेवन इन गानों से हुए मशहूर, एक के लिए रोकी थी सांस
क्या है खबर?
मशहूर प्लेबैक सिंगर और म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेवन पिछली बार तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने भारत के लिए ग्रैमी पुरस्कार जीता और वह फिर चर्चा में हैं, क्योंकि महादेवन आज यानी 3 मार्च को अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं।
वह संगीतकार तिकड़ी 'शंकर-एहसान-लॉय' का भी हिस्सा हैं। इस तिकड़ी ने मिलकर बॉलीवुड के लिए कई शानदार गाने बनाए और गाए।
आइए आपको महादेवन के जन्मदिन के मौके पर उनके कुछ बेहतरीन गानों से रूबरू कराते हैं।
#1
'ब्रेथलेस'
महादेवन ने 5 साल की उम्र से शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू कर दिया था। 1977 में उन्होंने तमिल फिल्मों में गाने के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन वह लाइमलाइट में तब आए, जब उनका एलबम 'ब्रेथलेस' रिलीज हुआ।
'ब्रेथलेस' गाना उनकी पहचान बन गया। 3 मिनट का ये गाना उन्होंने सांस रोक कर गाया था। लोग उनका यह हुनर देख हैरान थे। यह वही गाना था, जिससे उन्हें बॉलीवुड में पहचान मिली। इसे खूब लोकप्रियता मिली थी।
#2 और #3
'मां' और 'दिल चाहता है'
आमिर खान की फिल्म 'तारें जमीं पर' का गाना 'मैं तुझे बतलाता नहीं..' महादेवन ने ही गाया है। यह गाना सुनने वाले का दिल छू लेता है। आज भी लोग इसे गुनगुनाते दिखते हैं।
उधर आमिर की ही फिल्म 'दिल चाहता है' का टाइटल सॉन्ग तो आपने बेशक सुना होगा। महादेवन जिस गाने को अपनी आवाज दे दें, उसका सालों-साल तक हिट होना तय है। 'दिल चाहता है' भी इसी का सबूत है।
#4 और #5
'दिलबरो' और 'कजरारे'
फिल्म 'राजी' के गाने 'दिलबरो' को महादेवन ने हर्षदीप कौर और विभा सरफ के साथ मिलकर बनाया है। इस गाने के बोल बेहद खूबसूरत हैं।
महादेवन धार्मिक और भक्ति गीतों को जितने सुरीले अंदाज में गाते हैं, ठीक उतने ही मस्ती भरे अंदाज में वह 'कजरारे' जैसा आइटम नंबर भी गाते हैं।
फिल्म 'बंटी और बबली' के इस गाने में अभिषेक बच्चन और अमिताभ बच्चन के साथ ऐश्वर्या राय भी नजर आई थीं। यह गाना खूब लोकप्रिय हुआ था।
उपलब्धि
कई पुरस्कार जीत चुके महादेवन
2011 में महादेवन ने अपने ही नाम से ऑनलाइन अकेडमी की शुरुआत की थी। इस अकेडमी के जरिए वह दुनियाभर के छात्रों को संगीत की शिक्षा भी देते हैं।
महादेवन की शुरुआती पढ़ाई मुंबई में हुई। फिर उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की, लेकिन बचपन से ही उनका रुझान संगीत की तरफ था, जो बड़े होने पर भी बरकरार रहा। यही जुनून उनके काम भी आया और कामयाबी मिलती चली गई।
उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार समेत पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है।