
भारतीय ऑटो सेक्टर पर ट्रंप के 25 प्रतिशत टैरिफ का क्या असर पड़ेगा?
क्या है खबर?
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से भारत से आने वाले निर्यात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह निर्णय खासकर उन भारतीय कंपनियों के लिए चिंता का कारण बना है, जो अमेरिकी बाजार में ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स का निर्यात करती हैं। पहले कुछ कंपोनेंट्स पर 10 प्रतिशत शुल्क लगता था, अब वही 25 प्रतिशत हो गया है। इससे अमेरिकी बाजार में निवेश करने वाली भारतीय ऑटो कंपनियों पर दबाव बढ़ने की आशंका है।
असर
क्या पड़ेगा ऑटो सेक्टर पर असर?
यात्री वाहनों के कंपोनेंट्स पर पहले से ही 25 प्रतिशत टैरिफ था, लेकिन अब वाणिज्यिक वाहनों पर भी यह दर लागू हो गई है। इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान भारत फोर्ज को हो सकता है, जो अपने कुल राजस्व का लगभग 20 प्रतिशत अमेरिका से कमाती है। इसमें से 55-60 प्रतिशत आय वाणिज्यिक वाहनों से आती है। रामकृष्ण फोर्जिंग्स और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां भी इस टैरिफ बढ़ोतरी से प्रभावित हो सकती हैं।
अन्य
IT सेक्टर और अन्य क्षेत्रीय प्रभाव
IT सेवाएं सीधे इस टैरिफ से प्रभावित नहीं हैं, लेकिन अमेरिका में आर्थिक मंदी का असर उन पर पहले से है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती लागत और अस्थिर माहौल के कारण अमेरिकी कंपनियां तकनीकी खर्चों में कटौती कर सकती हैं। बड़ी IT कंपनियों को खासतौर पर दबाव महसूस हो सकता है। वहीं, टैरिफ के कारण भारत की प्रतिस्पर्धा वियतनाम और फिलीपींस जैसे देशों से कमजोर पड़ सकती है।