Page Loader
क्यों भारत की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है UPSC CSE? यहां समझिए
UPSC परीक्षा को पास करना क्यों है चुनौतीपूर्ण? (तस्वीरः फ्रीपिक)

क्यों भारत की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है UPSC CSE? यहां समझिए

लेखन राशि
Sep 29, 2023
01:51 pm

क्या है खबर?

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) भारत की सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा में हर साल लाखों छात्र भाग लेते हैं, लेकिन उनमें से 1 प्रतिशत से भी कम छात्र परीक्षा पास कर पाते हैं। ऐसे में परीक्षा की तैयारी में जुट रहे नए अभ्यर्थियों के लिए ये जानना जरूरी है कि UPSC परीक्षा को पास करना इतना कठिन क्यों है।

#1

विशाल पाठ्यक्रम

UPSC परीक्षा का चुनौतीपूर्ण होने का एक प्राथमिक कारण विशाल और व्यापक पाठ्यक्रम का होना है। पेपर 1 के पाठ्यक्रम में इतिहास, अर्थशास्त्र, भूगोल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, करेंट अफेयर्स, राजनीति विज्ञान और संविधान, करेंट अफेयर्स जैसे विषय शामिल हैं। पेपर 2 में अंग्रेजी, गणित, रीजनिंग से सवाल पूछे जाते हैं। ऐसे में UPSC की प्रारंभिक परीक्षा अमूमन हर संकाय के विषयों को कवर करती है। इन सभी विषयों का व्यापक अध्ययन ही परीक्षा के कठिनाई स्तर को बढ़ाता है।

#2

उच्च प्रतिस्पर्धा

UPSC परीक्षा देश भर से कई उम्मीदवारों को आकर्षित करती है। प्राइवेट कंपनियों में अच्छे वेतन पर काम कर रहे उम्मीदवार भी इस परीक्षा में भाग लेते हैं। ऐसे में प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ जाता है और कुछ सैंकडों रिक्तियों के लिए लाखों की संख्या में उम्मीदवार आवेदन करते हैं। इतनी संख्या में प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने के लिए उम्मीदवारों को उच्च स्तरीय ज्ञान, कौशल और योग्यता के साथ आगे बढ़ना होता है।

#3

प्रश्नों का अप्रत्याशित पैटर्न

UPSC अपने अप्रत्याशित परीक्षा पैटर्न के लिए जाना जाता है। परीक्षा में कैसे प्रश्न पूछे जाएंगे, इसका अंदाजा लगाना लगभग नामुमकिन है। परीक्षा में कई सवाल इतने घूमा कर और अपिरिचित विषयों से पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर ढूंढने के लिए शिक्षकों को भी संघर्ष करना पड़ता है। प्रश्नों को हल करने के लिए आलोचनात्मक सोच, विश्लेषणात्मक क्षमता और दृष्टिकोण आवश्यक है। ऐसे में परीक्षा तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को विभिन्न विषयों की व्यापक समझ विकसित करनी होती है।

#4

उम्मीदवारों के चयन का पैटर्न

UPSC CSE में उम्मीदवारों का चयन प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर होता है। अगले चरण में जाने के लिए आपको पहले चरण को पास करना होगा। प्रत्येक चरण के साथ कठिनाई का स्तर बढ़ता है और अलग रणनीति के साथ तैयारी करनी होती है। UPSC आपके ज्ञान, लिखने की क्षमता, व्यक्तित्व और परिस्थितियों से निपटने की क्षमता का परीक्षण करता है। किसी भी एक चरण में असफलता के बाद वापस प्रारंभिक चरण से शुरुआत करनी होगी।

जानकारी

नकारात्मक अंकन

प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं यानि 4 में से कोई 1 सही विकल्प ढूंढना होगा। प्रत्येक गलत उत्तर पर एक तिहाई अंक काटे जाते हैं। कई अभ्यर्थी विकल्पों में भ्रमित हो जाते हैं और नकारात्मक अंकन होने से उत्तीर्ण नहीं हो पाते।

#5

तैयारी का समय

अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में 1 साल का समय लगता है, लेकिन विशाल पाठ्यक्रम के चलते UPSC की तैयारी में 1 साल से ज्यादा का समय लग जाता है। लगातार 1-2 सालों तक किसी परीक्षा के लिए पढ़ाई करना चुनौतीपूर्ण होता है। इस दौरान कई उम्मीदवार तनाव का सामना करते हैं। सालों-साल पढ़ाई के बाद भी इसमें सफलता बिल्कुल अप्रत्याशित होती है। ऐसे में इस परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है।