NCERT ने राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा योजना टाली, जानें वजह
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) को अगले आदेश तक रोक दिया है। बता दें कि इस लोकप्रिय स्कॉलरशिप योजना का वित्तपोषण केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय करता है और इसे NCERT लागू करती है। इस योजना के तहत कक्षा 11 और 12 के छात्रों को 1,250 रुपये और ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन के छात्रों को 2,500 रुपये की स्कॉलरशिप दी जाती है।
NTSE योजना के लिए सिर्फ 31 मार्च, 2021 तक मिली थी मंजूरी
NCERT ने अपने एक आधिकारिक नोटिस में कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से वित्त पोषित केंद्रीय क्षेत्र की इस योजना को 31 मार्च, 2021 तक मंजूरी दी गई थी। इस संबंध में नोटिस में आगे बताया गया है कि इस NTSE योजना के आगे कार्यान्वयन को मंजूरी नहीं दी गई है और अब अगले आदेश तक इस पर रोक लगा दी गई है।
किन कारणों से टाली गई NTSE योजना?
NCERT के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इस योजना को नए सिरे से प्रस्तुत करने के उद्देश्य से इसकी समीक्षा कर रहा है। परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''NTSE योजना को नए सिरे से पेश करने पर चर्चा चल रही है, जिसमें अधिक से अधिक छात्रों को फायदा पहुंचाने और स्कॉलरशिप की राशि बढ़ाने के साथ ही स्कॉलरशिप की संख्या बढ़ाना शामिल है।''
कितने छात्रों को मिलता है इस स्कॉलरशिप का लाभ?
NTSE मेधावी छात्रों को डॉक्टरेट स्तर तक स्कॉलरशिप प्रदान करने के लिए आयोजित की जाती है। कक्षा 10 से लेकर ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और PhD कर रहे छात्र इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। देश में कुल 2,000 छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान की जाती हैं, जिसमें अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और दिव्यांग छात्रों के लिए चार प्रतिशत का आरक्षण होता है।
दो चरणों में होता है NTSE का आयोजन?
इस स्कॉलरशिप के लिए छात्र पहले राज्य स्तर (चरण 1) और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर (चरण 2) की परीक्षा में शामिल होते हैं। इसके बाद परीक्षा में सफल होने पर उन्हें स्कॉलरशिप मिलती है। यह परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी और 11 अन्य भारतीय भाषाओं में कराई जाती है। यह स्कॉलरशिप विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई कर रहे छात्रों को डॉक्टरल स्तर तक और औषधि और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में द्वितीय डिग्री (मास्टर्स) स्तर तक दी जाती है।
1963 में शुरू हुई थी NTSE योजना
NCERT की स्थापना 1961 में देश में स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने की दृष्टि से की गई थी जिसके बाद परिषद ने इस दिशा में कई कार्यक्रम तैयार किए। ऐसा ही एक कार्यक्रम प्रतिभावान छात्रों की पहचान और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए 1963 में शुरू हुआ, जिसे NTSE का नाम दिया गया। पहले यह योजना केवल दिल्ली तक ही सीमित थी, लेकिन बाद में इसमें बदलाव किए गए जिसके बाद इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया।