ICSE और CBSE में से कौनसा बोर्ड है बेहतर? इस तरह करें चुनाव
भारत में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) बोर्ड सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। स्कूल शिक्षा और करियर के लिहाज से देखें तो इन दोनों ही बोर्ड में पढ़ना काफी फायदेमंद होता है। अगर आप इन बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में प्रवेश लेना चाहते हैं तो पहले इनके बारे में पूरी जानकारी जुटाना जरूरी है। आइए जानते हैं ICSE और CBSE में क्या अंतर है और कौनसा बोर्ड छात्रों के लिए बेहतर है।
क्या है CBSE बोर्ड का इतिहास?
साल 1929 में सरकार ने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड नामक एक संयुक्त बोर्ड की स्थापना की थी। 1962 में इसी बोर्ड ने CBSE के रूप में काम करना शुरू किया। CBSE निजी और सार्वजनिक स्कूलों के लिए एक राष्ट्रीय सत्र का शिक्षा बोर्ड है। भारत में लगभग 28,000 से ज्यादा स्कूल और अंतरराष्ट्रीय देशों में 240 से ज्यादा स्कूल CBSE बोर्ड से जुड़े हुए हैं। स्कूल स्तर पर CBSE 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करता है।
क्या है ICSE बोर्ड का इतिहास?
भारत में ICSE बोर्ड की स्थापना साल 1986 में की गई थी। ये एक निजी बोर्ड है और इसका संचालन काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) द्वारा किया जाता है। इसका पाठ्यक्रम भारत में सबसे कठिन में से एक माना जाता है। ICSE बोर्ड को विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली द्वारा एक निजी शिक्षा बोर्ड के तौर पर मान्यता प्राप्त है। CBSE बोर्ड की तरह ICSE भी 10वीं-12वीं के लिए परीक्षा आयोजित करता है।
दोनों बोर्ड में क्या है अंतर?
CBSE बोर्ड में हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से पढ़ाई होती है, जबकि ICSE बोर्ड में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है। ICSE का पाठ्यक्रम CBSE की तुलना में अधिक जटिल होता है। इसमें अवधारणा आधारित पाठ्यक्रम ज्यादा है। इसमें भाषा, कला, विज्ञान जैसे विषयों को प्राथमिकता दी जाती है। CBSE बोर्ड स्कूलों में जहां NCERT किताबों से पढ़ाई होती है, वहीं ICSE बोर्ड से संबंधित ज्यादातर स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें इस्तेमाल होती हैं।
भविष्य के लिए कौनसा बोर्ड है बेहतर?
भारत में बेहतर भविष्य के लिए CBSE बोर्ड में दाखिला लेना अच्छा रहेगा। इसमें पढ़ाई जाने वाली NCERT किताबें NEET आगे चलकर JEE जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण होती हैं। अगर आप 12वीं के बाद विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो ICSE बोर्ड का चुनाव कर सकते हैं। इस बोर्ड में अंग्रेजी पर विशेष महत्व दिया जाता है। ऐसे में IELTS और TOEFL जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाएं पास करने में आसानी होती है।
राज्य बोर्ड के छात्रों के लिए क्या है सही?
अगर आप राज्य बोर्ड में पढ़ रहे हैं और बदलाव करना चाहते हैं तो CBSE बोर्ड को चुनें। इसका पाठ्यक्रम ICSE बोर्ड की तुलना में सरल है और CBSE के नियम भी आसान है। ऐसे में आपको परेशानी नहीं आएगी।