UPSC टॉपर अतहर आमिर ने चुना था दर्शनशास्त्र वैकल्पिक विषय, सफलता के लिए ऐसे करें तैयारी
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में दर्शनशास्त्र प्रमुख वैकल्पिक विषयों में से एक है। इसका पाठ्यक्रम छोटा है और इसमें आसानी से अच्छे अंक हासिल किए जा सकते हैं। इस विषय को पढ़ने के लिए किसी खास शैक्षिक पृष्ठभूमि की जरूरत नहीं है। इसमें सफलता दर भी अच्छी है, साल 2015 के टॉपर अतहर आमिर ने भी ये विषय चुना था। आइए जानते हैं दर्शनशास्त्र वैकल्पिक विषय का पाठ्यक्रम और तैयारी की टिप्स।
दर्शनशास्त्र का पाठ्यक्रम क्या है?
पेपर 1 में प्लेटो और अरस्तू के विचार, तर्कवाद, अनुभववाद, तार्किक प्रत्यक्षवाद, फेनोमेनोलॉजी, अस्तित्ववाद, क्विन और स्ट्रॉसन, जैन धर्म, कावार्क सिद्धांत, बौद्ध धर्म, न्याय, सांख्य, योग, मीमांसा ज्ञान का सिद्धांत, वेदांत के स्कूल, विकास और समावेशन से संबंधित मुद्दे पढ़ने होंगे। पेपर 2 में सामाजिक और राजनीतिक आदर्श, संप्रभुता, सरकार के रूप, व्यक्ति और राज्य, मानवतावाद, अपराध और सजा, लैंगिक और जातिगत भेदभाव, राजनीतिक विचारधाराएं, ईश्वर के अस्तित्व, धार्मिक अनुभव, धर्म और नैतिकता, धार्मिक बहुलवाद संबंधी खंड शामिल हैं।
कौन-सी किताबें पढ़ें?
पेपर 1 के लिए किताबें:- ग्रीक दर्शन का महत्वपूर्ण इतिहास (प्लेटो और अरस्तू), सतीशचंद्र चटर्जी भारतीय दर्शन का परिचय, एंथनी केनी: पश्चिमी दर्शन का नया इतिहास, दत्ता और चटर्जी: भारतीय दर्शन का परिचय, सीडी शर्मा: भारतीय दर्शन का एक आलोचनात्मक सर्वेक्षण, ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ऑफ फिलॉसफी। पेपर 2 के लिए किताबें:- जॉन हिक: धर्म का दर्शन, विल्किंसन: धर्म का दर्शन एक परिचय, ओ.पी. गौबा: सामाजिक और राजनीतिक दर्शन, राजीव भार्गव की राजनीतिक सिद्धांत, ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ऑफ पॉलिटिक्स।
महत्वपूर्ण टॉपिक पढ़ें
पेपर 1 में भारतीय और पश्चिमी दर्शनशास्त्र से जुड़े हर पहलु को गहराई से कवर करें। जैन धर्म, बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांत, ज्ञान और प्रमाण के सिद्धांत, ईश्वर अस्तित्व के प्रमाण आदि के बारे में पढ़ें। पेपर 2 में सामाजिक-राजनीतिक दर्शन और धार्मिक दर्शन मुख्य भाग है, इनसे संबंधित भागों को अच्छी तरह कवर करें। लैंगिक भेदभाव, जातिगत भेदभाव, भ्रष्टाचार, सामूहिक हिंसा, धर्म और नैतिकता, धार्मिक अनुभव, धार्मिक बहुलवाद, धार्मिक भाषा प्रकृति के भाग को कवर करें।
पिछले साल के प्रश्नपत्रों का अवलोकन करें
दर्शनशास्त्र की तैयारी के लिए कम से कम 3 महीने का समय लगेगा, ऐसे में अच्छी अध्ययन योजना बनाएं। तैयारी की शुरुआत में सबसे पहले पिछले साल के प्रश्नपत्रों का गहराई से अवलोकन करें। पेपरों में दोहराए जाने वाले विषयों को कवर करें। एक अच्छी अध्ययन योजना बनाएं। पाठ्यक्रम के खंड़ों को कवर करने के बाद मॉक टेस्ट जरूर हल करें। परीक्षा के लिए कई सारे प्रकाशनों की पुस्तक पढ़ने के बजाय सीमित अध्ययन सामग्री का इस्तेमाल करें।
शॉर्ट नोट्स बनाएं, उत्तर लेखन करें
दर्शनशास्त्र का पाठ्यक्रम भले ही छोटा है, लेकिन आपको जानकारियों को याद करने के लिए शॉर्ट नोट्स जरूर बनाएं। प्रत्येक खंड की जरूरी अवधारणाएं, सिद्धांत और नियमों को नोट्स में लिखें। नोट्स को बार-बार संशोधित करते रहें। इस विषय में अच्छे अंक लाने के लिए उत्तर लेखन सबसे ज्यादा जरूरी है। उम्मीदवार प्रत्येक दिन कम से कम 2 उत्तर लिखें। शिक्षकों से उत्तरों का अवलोकन करवाएं और टॉपर्स की कॉपियां देखकर सुधार करें।