पिता को खोने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, तीसरे प्रयास में IES बने हिमानिल श्रीवास्तव
क्या है खबर?
'विपत्ति जब आती है तो शूरमा नहीं विचलित होते, विघ्नों को गले लगाते हैं और कांटों में राह बनाते हैं।'
यह कहावत मध्य प्रदेश निवासी हिमानिल श्रीवास्तव पर सटीक बैठती है। उन्होंने छोटी उम्र में ही पिता को खो दिया, लेकिन उनके आदर्शों को जीवंत रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा दी और पूरे देश में 29वीं रैंक हासिल कर अपने जज्बे का परिचय दिया।
आइए उनकी पूरी कहानी जानते हैं।
गेट
कौन हैं हिमानिल श्रीवास्तव?
हिमानिल मध्य प्रदेश के गुना जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जिले के ही निजी स्कूल से प्राप्त की थीं।
इसके बाद इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
उन्होंने साल 2021 में UPSC की इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (IES) परीक्षा दी और अपने तीसरे प्रयास में पूरे देश में 29वीं रैंक हासिल की।
हिमानिल मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के लिए चयनित हुए हैं और वर्तमान में पुणे में रहकर विभागीय ट्रेनिंग ले रहे हैं।
जानकारी
पिता के निधन के बाद मां बनी सहारा
हिमानिल जब छठीं कक्षा में थे तो उनके पिता सुधीर श्रीवास्तव का निधन हो गया था। उसके बाद उनकी मां लता श्रीवास्तव ने संघर्षों के साथ हिमानिल और उनकी बड़ी बहन की परवरिश की। हिमानिल कहते हैं कि मां और दीदी ही उनकी प्रेरणा हैं।
ब्रेक
दूसरी बार असफल होने पर निराश हो गए थे हिमानिल
हिमानिल ने साल 2019 में पहली बार UPSC IES की परीक्षा दी थी। उस दौरान उन्होंने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन इंटरव्यू में कुछ अंकों से रह गए।
इसके बाद उन्होंने 2020 में दूसरा प्रयास दिया और प्रारंभिक परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाए।
इस असफलता के बाद हिमानिल पूरी तरह निराश हो गए, लेकिन उन्होंने आखिरी बार परीक्षा देने की सोची और 2021 की परीक्षा में उन्हें सफलता मिल गई।
पढ़ाई
इतने घंटे पढ़ते थे हिमानिल
हिमानिल अपनी तैयारी के दौरान रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ते थे। तैयारी की शुरुआत में उन्होंने 12 से 14 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई की।
एक बार पाठ्यक्रम खत्म करने के बाद पढ़ाई के घंटों से ज्यादा इफेक्टिव स्टडी पर फोकस किया।
हिमानिल बताते हैं "पढ़ाई की शुरुआत में हमें कम चीजों को पढ़ने में ज्यादा समय लगता है, एक बार चीजे़ं समझ आने पर कम समय में ज्यादा विषय पढ़ सकते हैं। ऐसे में शुरुआत में ज्यादा पढ़ाई करें।"
मां-दीदी
मोटिवेट रहने के लिए खुद से ये बात कहते थे हिमानिल
हिमानिल अपनी सफलता का श्रेय स्वर्गीय पिता, मां और दीदी को देते हैं।
हिमानिल बताते हैं "बचपन से मां ने मेहनत करके उन्हें पढ़ाया, समाज में एक सम्मानजनक छवि बनाई। मुझे मां की इस छवि को बनाए रखना था। जब भी मैं तैयारी के दौरान हताश होता था तो खुद से एक ही बात कहता था कि मुझे मां और दीदी के लिए ये परीक्षा पास करनी है। उनके लिए मुझे मेहनत करनी होगी।"
जानकारी
GATE भी पास कर चुके हैं हिमानिल
हिमानिल बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहे। उन्होंने 12वीं में 92.4 प्रतिशत अंक हासिल किए। उन्होंने कॉलेज के दौरान GATE परीक्षा पास की, लेकिन M.Tech नहीं किया। GATE की तैयारी के दौरान ही उन्होंने ठान लिया था कि वे UPSC IES परीक्षा में शामिल होंगे।
सफलता
सफलता के लिए हिमानिल की टिप्स
UPSC IES परीक्षा में 29वीं रैंक हासिल करने वाले हिमानिल ने बताया कि परीक्षा की तैयारी के दौरान निरंतरता बनाएं रखें, कड़ी मेहनत के साथ स्मार्ट वर्क भी करें। समय-समय पर अपना आंकलन करते रहें। मॉक टेस्ट हल करें। असफलता से निराश होने की बजाय सीख लें।
उन्होंने कहा कि अपने कमजोर क्षेत्रों पर काम करें। पिछले साल के प्रश्नपत्रों को हल करें और अपनी समीक्षा करें। अपनी काबिलियत को समझ कर आगे बढ़ेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी।