अब काम के साथ कर सकेंगे PhD की पढ़ाई, UGC कर रहा तैयारी
अगर आप डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (PhD) करना चाहते हैं, लेकिन नौकरी के कारण आपके लिए यह संभव नहीं हो पा रहा है तो आपके लिए खुशखबरी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) नौकरी कर रहे लोगों के लिए पार्ट टाइम PhD कोर्स शुरू करने की योजना बना रहा है। यह व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालयों और राज्य विश्वविद्यालयों में आने वाले अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2022-23 से लागू हो जाएगी।
दुनिया के बेहतरीन विश्वविद्यालयों में होते हैं पार्ट टाइम PhD कोर्स- UGC चेयरमैन
UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने मामले पर कहा, "पार्ट टाइम PhD कोर्स को विश्वविद्यालय का एक फैकल्टी मेम्बर सुपरवाइज करता है। PhD करने वाले छात्र सुपरवाइजर की मदद से अपने विषय पर काम करते हैं, लेकिन ज्यादातर वो खुद ही स्वतंत्रतापूर्वक इस पर काम करते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "ऐसे PhD कोर्स दुनिया के कुछ बेहतरीन विश्वविद्यालयों में मौजूद हैं तो भारत के विश्वविद्यालयों में ऐसा क्यों नही किया जा सकता है?"
मार्च में इससे संबंधित ड्राफ्ट किया जा चुका है अधिसूचित
इससे पहले मार्च में UGC ने UGC (मिनिमम स्टैंडर्ड्स एंड प्रोसिजर ऑफ पीएचडी) रेग्यूलेशन, 2022 ड्राफ्ट अधिसूचित किया था। पार्ट टाइम PhD प्रोग्राम को भी इसी ड्राफ्ट में शामिल करने पर विचार चल रहा है। खुद IIT मद्रास से पढ़े और IIT दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में फैकल्टी रह चुके कुमार ने कहा कि IIT के सिस्टम में पार्ट टाइम PhD बहुत कॉमन है और पहले से होती आई है।
पार्ट टाइम PhD करने वाले छात्रों को पहले या दूसरे सेमेस्टर में जाना पड़ेगा विश्वविद्यालय
कुमार ने कहा, "पार्ट टाइम PhD करने वाले छात्रों को पहले या दूसरे सेमेस्टर में कोर्स वर्क से जुड़ी जरूरतों को पूरा करना होगा। अगर छात्र उसी शहर में रहता है जहां विश्वविद्यालय स्थित है तो वह लेक्चर पूरा करके अपने काम पर वापस जा सकता है।" उन्होंने कहा कि ऐसे पार्ट टाइम PhD प्रोग्राम उन कामकाजी लोगों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं जो अपने काम से ज्यादा दिन की छुट्टी नहीं ले सकते हैं।
संस्थान से NOC प्राप्त करने के बाद ही कर सकते हैं पार्ट टाइम PhD
बता दें कि पार्ट टाइम PhD और रेगुलर PhD के लिए योग्यता के पैमाने एक जैसे ही होंगे। PhD कोर्स में एडमिशन के लिए 70 अंक लिखित और 30 अंक इंटरव्यू के होंगे। लेकिन पार्ट टाइम PhD करने वाले छात्रों को अपने संस्थान (जहां वो काम कर रहे हैं) से एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना होगा। उन्हें अपने संस्थान को ये बताना होगा कि वो पार्ट टाइम PhD प्रोग्राम में दाखिला ले रहे हैं।
PhD आवेदन के लिए क्या योग्यता चाहिए?
अब तीन साल ग्रेजुएशन और दो साल का पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले छात्र भी PhD में एडमिशन ले सकते हैं। PhD से संबंधित विश्वविद्यालयों और NTA की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए उम्मीदवार के पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में 50 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। वहीं चार वर्ष के ग्रेजुएशन और एक वर्ष के पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स की पढ़ाई करने वाले छात्र भी इसी प्रक्रिया से PhD में एडमिशन ले सकते हैं।