DU: दाखिले संबंधित हो सकते हैं ये बड़े बदलाव, कटऑफ लिस्ट के बाद मिलेगा इतना समय
इस साल यानी कि साल 2019 में दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में दाखिले संबंधित कुछ बड़े बदलाव हो सकते हैं। कई बड़े बदलावों में से एक बदलाव ये है कि छात्रों को दाखिले के लिए ज्यादा समय मिल सकता है। अब कटऑफ लिस्ट जारी होने के बाद DU दाखिले के लिए 3 दिन से ज्यादा का समय दे सकता है। दरअसल अपनी दाखिला प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए DU ने अभिभावकों और छात्रों से सुझाव आमंत्रित किए थे।
दिया गया ये सुझाव
DU द्वारा सुझाव आमंत्रित करने पर बड़ी संख्या में छात्रों और अभिभावकों ने DU के पोर्टल पर ऑनलाइन अपने सुझाव दिए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उन सुझावों में से एक सुझाव यह था कि दाखिले के लिए मिलने वाले समय को बढ़ा दिया जाए। अगर कटऑफ लिस्ट जारी होने के बाद दाखिले के लिए 3 दिन से ज्यादा का समय मिलता है, तो दिल्ली से बाहर के छात्रों को दाखिला कराने में आसानी हो जाएगी।
2019 दाखिला कमेटी के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने दी जानकारी
स्टूडेंट्स वेलफेयर कमेटी के डीन एंव 2019 दाखिला कमेटी के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया है कि DU की ओर से अक्सर एक ऑनलाइन सर्वे किया जाता है। इस सर्वे में अभिभावक और छात्र अपने विचार पेश कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी की दाखिला कमेटी उनके द्वारा दिए गए कुछ सुझावों पर गौर करती है। बड़ी संख्या में अभिभावक ने पिछले एक महीने में अपने सुझाव दिए हैं। उन्होंने अपने नाम जाहिर नहीं किए हैं।
दो सुझावों पर कमेटी करेगी गौर
यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि छात्रों और अभिभावकों द्वारा दिए गए दो सुझाव जैसे पहली कटऑफ जारी होने और दाखिले के बीच काफी समय मिलना चाहिए और छात्रों को विभिन्न कॉलेजों में आवेदन के लिए 3 दिन से ज्यादा का समय दिया जाए, पर कमेटी गौर कर रही है। कमेटी ने पहले ही ये घोषणा कर दी थी कि इस साल पांच या छह से ज्यादा कटऑफ लिस्ट जारी नहीं की जाएंगी।
फर्जी मार्कशीट को लेकर भी दिए गए सुझाव
इस साल DUSU के अध्यक्ष अंकिव बसोया को फर्जी मार्कशीट मामले में आरोपी पाया गया है। इस हाईप्रोफाइल मामले के बाद फर्जी दस्तावेजों का मामला काफी चर्चा में रहा है। इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए भी लोगों ने सुझाव दिए हैं। कुछ अभिभावकों ने सुझाव दिया है कि छात्रों को ऑनलाइन आवेदन में ही इसको लेकर चेताया जाए। मांग है कि आवेदन के बीच एक बॉक्स में फर्जीवाड़े की स्थिति में होने वाली कार्रवाई का उल्लेख भी किया जाए।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए दिया ये सुझाव
कुछ अभिभावकों ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों के दाखिले से जुड़े सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने मांग की है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए एक केंद्रीकृत दाखिला प्रक्रिया अपनाई जाए।
ये हैं दिए गए कुछ अन्य सुझाव
दाखिले के लिए 12वीं और प्रवेश परीक्षा, दोनों के अंकों पर गौर किया जाए। पहले से पंजीकरण के प्रावधान की भी मांग हुई है। छात्र को सिर्फ तीन बार ही विषय और कॉलेज बदलने की अनुमति हो। अगर कोई छात्र लैंग्वेज कोर्स के लिए आवेदन करता है तो उसने 12वीं में जरूर किसी लैंग्वेज की पढ़ाई की हो। कुछ छात्र कन्फ्यूज होते हैं कि किस कोर्स और कॉलेज में प्रवेश लें। इसलिए काउंसिलिंग का आयोजन हो, इससे उन्हें मदद मिलेगी।
सर्टिफिकेट्स रखने के लिए मुहैया कराएं जाएं डिजिटल लॉकर्स
साथ ही सुझाव दिए गए कि किसी भी छात्र को फाइनल लिस्ट आने और क्लास शुरू होने के बाद कॉलेज बदलने की अनुमति नहीं मिले। छात्रों को अपने सर्टिफिकेट्स रखने के लिए DU डिजिटल लॉकर्स मुहैया कराए। असल सर्टिफिकेट्स जमा करने की जरूरत नहीं हो।