
105 साल की महिला ने दी चौथी क्लास की परीक्षा, बनीं सबसे उम्रदराज शिक्षार्थी
क्या है खबर?
कहा जाता है कि पढ़ाई करने की कोई सही उम्र नहीं होती है। आप जब चाहें तब पढ़ाई कर सकते हैं और केरल की महिला ने ये साबित कर दिखाया है। जी हां, 105 साल की भागीरथी अम्मा केरल राज्य साक्षरता मिशन की सबसे उम्रदराज शिक्षार्थी बन गई हैं।
उन्होंने ऐसा करके लोगों को ये बताया है कि अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो उसके लिए आपकी उम्र कोई मायने नहीं रखती है।
आइए जानें क्या है पूरी खबर।
जीवन
चौथी क्लास की दी परीक्षा
भागीरथी अम्मा राज्य साक्षरता मिशन की चौथी क्लास की परीक्षा में शामिल हुईं थी।
कोल्लम जिले के परकुलम की भागीरथी अम्मा के दो बेटे और चार बेटियां और 16 पोते हैं।
उन्होंने नौ साल की आयु में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। उऩ्होंने केवल तीसरी क्लास तक ही पढ़ाई की थी। अपने छोटे भाई-बहन की देखभाल करने के लिए उन्हें अपनी पढ़ाई छोडनी पड़ी थी। वे अभी अपनी 67 साल की सबसे छोटी बेटी के साथ रह रही हैं।
जानकारी
अभी भी तेज हैं नजरें और याददाश्त
भले ही अम्मा 105 साल की हो गई हों, लेकिन उऩकी नजरें, सुनने की शक्ति और याददाश्त अच्छी है। जिस कारण वे चीजों को अच्छे से याद रख पाती है। बचपन में पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्होंने अब अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की है।
पुराना मामला
96 वर्षीय महिला ने प्राप्त किए थे 100 में से 98 नंबर
भगीरथी अम्मा हरिपद की 96 वर्षीय कार्तिय्यानी अम्मा को कड़ी टक्कर दे रही हैं। कार्तियानी अम्मा ने साक्षरता मिशन के अक्षरलक्ष्मी साक्षरता कार्यक्रम में 100 नंबर में से 98 नंबर प्राप्त किए थे। बाद में करथायनी अम्मा को कॉमनवेल्थ गुडविल एम्बेसडर के रुप में चुना गया।
इस साक्षरता मिशन का लक्ष्य अगले चार सालों में केरल को पूरी तरह से साक्षर बनाने का है।
अगर हम साल 2011 के आंकड़ों को देखें तो राज्य में 18.5 लाख लोग निरक्षर हैं।
उद्देश्य
क्या है इस कार्यक्रम का उद्देश्य?
केरल राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण केरल सरकार के सामान्य शिक्षा विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य निरंतर शिक्षा के माध्यम से साक्षरता स्किल विकसित करना, सीखने में रुचि रखने वाले हर किसी के लिए अवसर प्रदान करना, शिक्षार्थियों को अपने दैनिक जीवन में सीखी हुई चीजों का उपयोग करने में सक्षम बनाना और पूरे केरल में माध्यमिक स्तर की शिक्षा सुनिश्चित करना है।
बयान
लोगों के लिए हैं प्रेरणा
राज्य साक्षरता मिशन के जिला समन्वयक सीके प्रदीप कुमार का कहना है कि परीक्षा 17 नवंबर, 2019 (रविवार) को शुरू हुई थी और 19 नवंबर, 2019 तक को समाप्त हुई थी। वह उन लोगों के लिए एक वास्तविक प्रेरणा हैं, जो सीखना चाहते हैं।