जूस का ठेला लगाने वाले भवानी बने शिक्षक, 20 बार फेल होकर भी नहीं मानी हार
क्या है खबर?
कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों', इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है राजस्थान के जोधपुर में रहने वाले भवानी सिंह भाटी ने, जो हाल ही शिक्षक बने हैं।
जोधपुर में जूस का ठेला लगाने वाले भवानी ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षक (PTI) परीक्षा पास की है।
आइए उनकी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
BPEd
BA और BPEd की पढ़ाई के बाद भवानी ने लगाया जूस का ठेला
भवानी बताते हैं कि वह जोधपुर की ओसियां तहसील के गांव बिरलोका के रहने वाले हैं।
उन्होंने गांव के ही सरकारी स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की और फिर जोधपुर से कॉलेज शिक्षा पाई। उन्होंने बैचलर ऑफ आर्ट्स (BA) के बाद बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (BPEd) और योग में डिप्लोमा भी हासिल किया।
2013 में कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने अशोक उद्यान के सामने टेबल पर फल और मशीन रखकर जूस बेचना शुरू कर दिया।
पढ़ाई
सुबह जूस बेचते और दिन में पढ़ाई करते थे भवानी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भवानी ने जूस बेचने के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी जारी रखी।
वह सुबह-सुबह जॉगर्स और पर्यटकों के लिए जूस तैयार करने के बाद दिन में मौका मिलते ही ऑनलाइन ऐप के माध्यम से पढ़ाई करते थे।
भवानी ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर हाल ही में आयोजित हुई PTI परीक्षा में सफलता हासिल कर ली।
असफलता
20 प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल हो चुके थे भवानी
बता दें कि भवानी को यह कामयाबी आसानी से नहीं मिली है।
राजस्थान शारीरिक भर्ती परीक्षा 2022 में चुने जाने से पहले उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं में 20 बार असफलता पाई थी।
उन्होंने राजस्थान पुलिस, पटवारी, ग्राम सेवक, जेल प्रहरी, कर्मचारी चयन आयोग (SSC), सीमा सुरक्षा बल (BSF), वनपाल और वनरक्षक समेत 20 परीक्षाएं दी थीं, लेकिन वे किसी में भी पास नहीं हुए।
लेकिन आखिरकार उन्हें पहली बार PTI शिक्षक के रूप में सरकारी नौकरी मिल गई।
बोझ
माता-पिता पर बोझ नहीं बनना चाहते थे भवानी
ओसियां में 15 अगस्त, 1995 को जन्मे भवानी की शादी हो चुकी है। उनके भाई तनवीर सिंह भी तीन साल पहले राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल बन चुके हैं।
वह अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों और अपनी कड़ी मेहनत को देते हुए कहते हैं कि वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने माता-पिता पर निर्भर नहीं हो सकते थे, इसलिए अपनी आय को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने जूस की दुकान लगाई।
तैयारी
भवानी ने ऑनलाइन कोचिंग की मदद से की परीक्षा की तैयारी
भवानी ने इस परीक्षा के लिए एक ऑनलाइन कोचिंग का सहारा लिया था।
इस कोचिंग के निदेशक निर्मल गहलोत ने भवानी का इंटरव्यू भी लिया जिसमें भवानी कहते हैं कि निर्मल योग दिवस के दिन 21 जून को उनके ठेले पर आए और उन्हें प्रेरणादायक बताते हुए पोस्ट डाली जिसके बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ गया।
इसके बाद उन्होंने इस परीक्षा के लिए और मेहनत से तैयारी की जिसका परिणाम अब सभी के सामने है।