स्कूल के दौरान को-करिकुलर एक्टिविटी में भाग लेना क्यों है जरूरी?
क्या है खबर?
स्कूल के दौरान कुछ बच्चे हमेशा पढ़ाई में व्यस्त रहते हैं, वे स्कूल में होने वाली को-करिकुलर एक्टिविटी में भाग नहीं लेते।
पढ़ाई करने से उनका किताबी ज्ञान तो बढ़ जाता है लेकिन व्यक्तिगत विकास में वे पीछे रह जाते हैं।
को-करिकुलर एक्टिविटी स्कूल के जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। प्रत्येक छात्र को इसमें भाग लेना चाहिए। इससे उन्हें हर रोज कुछ नया सीखने में मदद मिलेगी।
यहां समझिए इन गतिविधियों में भाग लेना क्यों जरूरी है।
जानकारी
क्या होती हैं को-करिकुलर एक्टिविटी
को-करिकुलर एक्टिविटी में नृत्य, गायन, संगीत, खेल (तीरंदाजी, बास्केटबॉल, क्रिकेट, फुटबॉल), मार्शल आर्ट, बॉक्सिंग, शारीरिक व्यायाम, योग, तीरंदाजी, साइकलिंग, स्विमिंग, कला और शिल्प, कहानी लेखन, वाद-विवाद, फोटोग्राफी, पेंटिंग जैसी कई सारी चीजें शामिल हैं। स्कूल के दौरान इनसे संबंधित प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहिए।
टैलेंट
सामने आती है छिपी हुई प्रतिभा
कुछ बच्चे पढ़ाई में अच्छे होते हैं, तो कुछ खेलकूद में। कुछ को नाचना- गाना पसंद होता है तो कुछ को कविताएं लिखना।
को-करिकुलर एक्टिविटी में भाग लेने से बच्चों की प्रतिभा सबके सामने आती है। इसके माध्यम से छात्र अपनी नई रुचि और प्रतिभा की खोज करते हैं।
स्कूल के दौरान होने वाली सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में भाग लेने से बच्चे सही दिशा में आगे बढ़ पाते हैं, वे पढ़ाई के अलावा अन्य क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।
विकास
व्यक्तिगत विकास में मदद
को-करिकुलर एक्टिविटी से बच्चों का व्यक्तिगत विकास होता है। वे अपने दोस्तों की मदद करना, उनकी देखभाल करना सीखते हैं।
उन्हें कैसे टीम में काम करना है, दूसरों से कैसे बात करना है, टीम का प्रतिनिधित्व कैसे करना है, इसके बारे में जानकारी मिलती है।
छात्रों के सीखने के अनुभव में सुधार होता है। वे खुद निर्णय लेना सीखते हैं कि वे क्या सीखना चाहते हैं।
कम्युनिकेश स्किल्स सुधरने के साथ ही बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
शैक्षणिक
बेहतर होता है शैक्षणिक प्रदर्शन
अभिभावकों को लगता है कि स्कूल के समय को-करिकुलर एक्टिविटी में शामिल होने वाले छात्र पढ़ाई में पीछे हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है।
इन गतिविधियों में भाग लेने से छात्र कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से चीज़ों को सीखते हैं। छात्रों की स्कूल में रूचि बढ़ती है। वे प्रतिदिन स्कूल जाना पसंद करते हैं।
छात्र जिम्मेदार बनते हैं, निर्णय ले पाते हैं कि किस समय क्या चीज़ जरूरी है। उनमें हमेशा दूसरों से आगे रहने का जुनून बना रहता है।
समय प्रबंधन
समय प्रबंधन करने में मिलती है मजबूती
स्कूल में को-करिकुलर एक्टिविटी में भाग लेने से छात्रों को समय प्रबंधन करने में मजबूती मिलती है।
रिसर्च के अनुसार, जो बच्चे पढ़ाई के साथ इन गतिविधियों में भाग लेते हैं, वे दूसरे बच्चों की तुलना में समय प्रबंधन ज्यादा अच्छे से कर पाते हैं।
वे अपने काम को प्राथमिकता देने के साथ ही कम समय में लक्ष्य को प्राप्त करना सीखते हैं।
बच्चे अपनी रूचि और शिक्षा के बीच में संतुलन बना लेते हैं।
स्वास्थ्य
शारीरिक और मानसिक विकास के लिए है जरूरी
बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए को-करिकुलर एक्टिविटी बहुत जरूरी हैं।
रिसर्च से पता चला है कि अलग-अलग गतिविधियों में भाग लेने से बच्चों का दिमाग सक्रिय होता है, क्योंकि उनके पास उन गतिविधियों को छोड़ने का विकल्प नहीं होता।
रचनात्मक और विश्लेषणात्मक रूप से सोचने की क्षमता विकसित होती है। बच्चे तनाव से दूर रहते हैं।
लक्ष्य की ओर काम करने के लिए प्रेरित होते हैं। उनमें समस्या समाधान कौशल विकसित होता है।