राजस्थान बोर्ड: 5 अप्रैल को है दर्शनशास्त्र की परीक्षा, कम समय में ऐसे करें तैयारी
क्या है खबर?
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं।
5 अप्रैल को दर्शनशास्त्र की परीक्षा है। ऐसे में छात्र इस विषय की तैयारी में जुटे हैं।
दर्शनशास्त्र के छात्र परीक्षा में अच्छे अंक लाना चाहते हैं, लेकिन वे तैयारी के दौरान तनाव में सही रणनीति का पालन नहीं कर पाते।
इस वजह से उनका प्रदर्शन कमजोर होता है। यहां हम आपको कम समय में दर्शनशास्त्र की तैयारी की टिप्स बता रहे हैं।
पाठ्यक्रम
पहले समझिए पाठ्यक्रम
दर्शनशास्त्र का पेपर 80 अंक का होगा। 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिए जाएंगे।
विषय के पाठ्यक्रम में भारतीय दर्शन परिभाषा, भारतीय दार्शनिक संप्रदायों का वर्गीकरण, उपनिषद, ब्रह्म का स्वरुप, बौद्ध दर्शन, जैन दर्शन, योग दर्शन और वेदांत दर्शन से संबंधित टॉपिक पढ़ना होगी।
पाठ्यक्रम में पाश्चात्य दर्शन, अरस्तु का सिद्धांत, देकार्ट की पद्धति, धर्म का अर्थ और स्वरुप, हिंदू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म, यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्म, पारसी, धर्मसहिष्णुता आदि टॉपिक भी शामिल हैं।
निबंध
दीर्घ उत्तरीय और लघु उत्तरीय प्रश्नों का अभ्यास करें
दर्शनशास्त्र की परीक्षा में उत्तर लेखन का बहुत महत्व है। छात्र प्रतिदिन लिखने का अभ्यास करें।
पेपर को हल करने के लिए 3 घंटे मिलेंगे, इस समय में जल्दी से उत्तर लिखने के लिए आपकी लेखन गति अच्छी होना चाहिए।
लेखन गति सुधारने और अपनी कमजोरियां पकड़ने के लिए प्रतिदिन प्रश्नपत्रों को हल करें।
छात्र पिछले साल के पुराने पेपर और इस साल के सैंपल पेपर हल करें, इससे समय प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।
रिवीजन
रिवीजन है जरूरी
रिवीजन परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने की कुंजी है। रिवीजन से जानकारियों को लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलती है।
छात्र किताबों की अपेक्षा नोट्स से रिवीजन करें। नोट्स से कम समय में महत्वपूर्ण चीज़ों को कवर कर सकेंगे।
अगर परीक्षा के समय किताबों से रिवीजन करने बैठेंगे तो कुछ भी समय पर कवर नहीं हो पाएगा।
किताब की जानकारियों से भ्रमित होंगे जबकि नोट्स की मदद से सभी महत्वपूर्ण जानकारियों एक ही समय पर पढ़ सकेंगे।
धर्म अवधारण
इन सिद्धांतों को अच्छे से याद करें
दर्शनशास्त्र के पाठ्यक्रम में विभिन्न धर्मों से संबंधित टॉपिक है, लिहाजा परीक्षा में भी धर्म अवधारणा संबंधी सवाल पूछे जाएंगे।
ऐसे में छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे धर्म संबंधी अवधारणाओं को अच्छे से याद करें।
बौद्ध दर्शन, जैन दर्शन, योग दर्शन और वेदांत दर्शन से संबंधित टॉपिक को पढ़ें।
भारतीय दार्शनिक संप्रदायों के वर्गीकरण में सभी महत्वपूर्ण चीजों को कवर करें।
प्रमुख सिद्धांतों और अवधारणाओं को लिख-लिख कर याद करें।
जानकारी
सोचने की क्षमता बढ़ाएं
दर्शनशास्त्र की परीक्षा में सीधे सवाल पूछे जाएं, ये जरूरी नहीं है। आपको सोचने की क्षमता विकसित करनी होगी ताकि आप विचारों को अच्छी तरह लिख सकें। सोचने की क्षमता विकसित करने के लिए पहले आपको प्रमुख अवधारणाओं को समझना होगा।