कोटा में 60 दिनों में 9 बच्चों ने की आत्महत्या, आत्मघातक विचारों से ऐसे बचें छात्र
राजस्थान के कोटा में पिछले 60 दिनों में 9 बच्चों ने आत्महत्या कर ली। इस खबर से पूरे देश में चिंता का माहौल है। पढ़ाई का दबाव, परीक्षा में असफलता, प्रतिस्पर्धी माहौल, अकेलापन और तनाव आत्महत्या के प्रमुख कारण हैं। कई बार छात्र इतने अकेले पड़ जाते हैं कि अपनी बात किसी से कह नहीं पाते और उनके मन में आत्महत्या के विचार आने लगते हैं। आइए जानते हैं आत्महत्या के विचारों से कैसे बचें।
लोगों से बात करें
कई छात्र पढ़ाई करने के लिए खुद को लोगों से दूर कर लेते हैं और यही अकेलापन तनाव का कारण बनता है। अगर आप अवसाद में हैं और आत्महत्या का विचार मन में आ रहा है तो खुद को अपने आप से नियंत्रित करने की जिद छोड़ें और लोगों से मदद मांगे। लोगों से बात करके अपनी भावनाएं साझा करें। माता-पिता या किसी दोस्त को अपने साथ रहने के लिए बुला लें। किसी की मौजूदगी गलत कदम उठाने से रोकेगी।
तुरंत घर से बाहर निकलें
अगर मन में लगातार निराशा और आत्महत्या के विचार आ रहे हैं तो बिना देरी किए उस जगह से बाहर निकल जाएं। किसी गार्डन में घूमें, प्रकृति के साथ समय बिताएं। सुबह और शाम के समय हल्का व्यायाम करें। आप चाहें तो कुछ दिनों के लिए योग या ध्यान (मेडिटेशन) कक्षा में शामिल हो सकते हैं। व्यायाम और ध्यान करने से तनाव कम होता है, इससे विचारों में बदलाव होगा और आप सकारात्मक सोच पाएंगे।
खतरे की चीजें घर से हटाएं
आत्महत्या के विचारों से ग्रसित इंसान अचानक गलत कदम उठा लेते हैं, ऐसे में छात्र अपने घर से सभी खतरनाक वस्तुओं को हटा दें। चाकू, ब्लेड, रस्सी और खतरनाक दवाइयों को घर से बाहर फेंक दें। किसी भी तरह के नशे से बचें।
थेरेपी लें
लगातार आत्महत्या के विचार आ रहे हैं तो किसी अच्छे मनोवैज्ञानिक से संपर्क करें। अपने विचारों को छुपाने की कोशिश न करें। आपकी स्थिति को देखकर मनोवैज्ञानिक दवाएं और थेरेपी की सलाह देंगे और आपके बर्ताव में खतरे के संकेतों को बताएंगे। आपको इन सकेंतों को लेकर सतर्क रहना होगा। दवा और थेरेपी लेना बिल्कुल न छोड़ें। अधूरे इलाज से आपके मन में आत्महत्या के विचार दोबारा आ सकते हैं। अपनी मानसिक स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।
इन नंबरों पर संपर्क करें
आत्मघाती कदम उठाने से पहले नेशनल सुसाइड प्रिवेंशन लाइफलाइन नम्बर 1800-121-3667 पर कॉल करें। आप अकेले नहीं है। आपकी मदद के लिए कई लोग तैयार हैं। इसके अलावा 011 24311918, 044-24640050 या 112 पर कॉल कर सकते हैं। ये सभी टोल फ्री नंबर है।
किताबें पढ़ें और घूमने जाएं
पढ़ाई के लिए छात्र अपने शहर से बाहर जाते हैं और प्रतिस्पर्धी माहौल देखकर नकारात्मक हो जाते हैं। अगर बार-बार नकारात्मक विचार आ रहे हैं तो कुछ दिनों के लिए घूमने चले जाएं। बाहर नए-नए लोगों से मुलाकात करें। खुद को नई ऊर्जा और उम्मीद से भरें। कुछ प्रेरक किताबें पढ़ें। आत्महत्या के विचार को रोकने के लिए आपको खुद की मदद करनी होगी। अपनी उपलब्धियों पर विचार करें और नई आशा के साथ आगे बढ़ें।
लोगों की टिप्पणियों पर ध्यान न दें
परीक्षा में असफल होने के बाद छात्रों को लोगों की टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। इन्हें नजरअंदाज करें। आप कैसे हैं ये आपका परिवार जानता है, आपको दूसरों को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है।