अब निजी संस्थानों में कम फीस देकर कर सकेंगे MBBS की पढ़ाई, जानें किसे मिलेगा फायदा
ऐसे मेधावी छात्र जो अभी तक आर्थिक मजबूरियों के कारण चिकित्सा के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं ले पाते थे, उन्हें अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर फीस देकर प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन मिल सकेगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने शनिवार को प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों की 50 फीसदी सीटों के लिए फीस और अन्य सभी शुल्कों के निर्धारण के नए दिशानिर्देश जारी किए, जिसके बाद छात्रों को ये फायदा मिलेगा।
अगले शैक्षणिक सत्र से लागू होंगे नियम
नोटिस के अनुसार, बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) और स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए निजी मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर फीस सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस के बराबर होगी, जबकि बाकी 50 फीसदी सीटों पर फीस का निर्धारण वास्तविक लागत के आधार पर होगा। NMC ने नए सत्र से यह नियम लागू करने को कहा है। इस नियम से अब कम खर्च में ही छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे।
किन छात्रों को मिलेगा फायदा?
NMC के अनुसार, शुल्क में छूट का लाभ पहले उन उम्मीदवारों को मिलेगा जो प्राइवेट कॉलेजों में सरकारी कोटे की 50 फीसदी सीटों पर एडमिशन लेंगे। अगर किसी कॉलेज में सरकारी कोटे की सीटें कुल सीटों के 50 फीसदी से कम हैं तो ऐसी स्थिति में बाकी के उम्मीदवारों को भी सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। ये सुविधा मेरिट के आधार पर हासिल की जा सकेगी।
केंद्र के अनुरोध पर NMC ने तैयार किया फीस निर्धारण ढांचा
केंद्र सरकार ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) से मेडिकल शिक्षा की फीस निर्धारण के लिए दिशानिर्देश बनाने का अनुरोध किया था। इस आधार पर MCI के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस ने 23 नवंबर, 2019 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया था जिसको बाद में NMC ने भी स्वीकृति दे दी। इस समिति ने फीस निर्धारण के 26 बिंदुओं के दिशानिर्देश तैयार किए थे और इन्हें NMC वेबसाइट पर अपलोड कर सुझाव मांगे गए थे।
NMC को मिले थे 1,800 सुझाव और प्रतिक्रियाएं
बता दें कि NMC को इन दिशानिर्देशों पर करीब 1,800 सुझाव और प्रतिक्रियाएं मिलीं। इन सुझावों पर विचार करने के लिए NMC ने फिर से एक तकनीकी समिति गठित की जिसने 29 दिसंबर, 2021 को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
न्यूजबाइट्स प्लस
देश में MBBS और PG की कुल सीटें 1.25 लाख के करीब हैं, जिनमें से 60 फीसदी के करीब निजी संस्थानों में हैं। NMC के इस फैसले से हजारों ऐसे छात्रों को लाभ मिलेगा, जो निजी कॉलेजों की फीस का भुगतान करने में असमर्थ होते हैं। लंबे समय से मेडिकल की फीस को कम किए जाने की मांग हो रही थी। अब सरकार ने छात्रों को ये सुविधा प्रदान करने का फैसला लिया है।