इस तरीके से घर पर बनाएं पढ़ाई का माहौल, पढ़ाई से दूर नहीं भागेंगे बच्चे
शिक्षा के क्षेत्र में स्पर्धा बढ़ने के बाद माता-पिता बच्चों पर पढ़ाई का दबाव डालते हैं। कई बार घर के खराब माहौल के कारण बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता। ऐसे में माता-पिता को कोशिश करनी चाहिए कि बच्चों के साथ उनका रिश्ता अभिभावक वाला होने के साथ-साथ दोस्ती का भी हो।इससे घर में माहौल सकारात्मक रहेगा। आइए बच्चों के लिए घर पर पढ़ाई का माहौल बनाने के तरीके जानते हैं।
इंटरनेट पर पढ़ने से न रोके
वर्तमान में इंटरनेट के जरिए बच्चे अधिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। यूट्यूब पर कई निशुल्क कक्षाओं के जरिए भी विभिन्न विषय से जुड़ी वीडियो देखकर वे मनोरंजक तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं। ऐसे में बच्चों को इंटरनेट का उपयोग करने से न रोके, लेकिन ध्यान रखें कि वे इंटरनेट का गलत उपयोग न करें। पढ़ाई को मनोरंजक बनाने की कोशिश करें। बच्चे सोशल मीडिया का उपयोग करके भी अपनी पढ़ाई को बेहतर बना सकते हैं।
बच्चों को समय दें
माता-पिता अपने बच्चों के लिए समय निकालकर हर दिन उनकी पढ़ाई का आंकलन करें। जिस विषय में वे कमजोर है, उस विषय में उनसे चर्चा कर रोचक तरीके से जानकारी समझाएं। इससे वो कभी नहीं भूलेंगे। बच्चों को जबरदस्ती पढ़ने के लिए न बैठाएं। बच्चों के पढ़ाई के दौरान हर 45 मिनट पर उन्हें थोड़ा ब्रेक लेने को कहें। बच्चों की पढ़ाई के वक्त किसी भी मेहमान को घर आने का न्योता ना दें।
पढाई के साथ खेलने का समय भी निर्धारित करें
बच्चों के पढ़ाई के समय के साथ खेलने का समय पहले से तय करें ताकि बच्चे पढ़ाई के बीच में बार-बार खेलने के लिए न कहें। बच्चों का पढ़ाई में मन तभी लगेगा, जब उनका दिमाग सक्रिय रहेगा। खेलने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और सक्रियता बढ़ती है। बच्चों के साथ शतरंज जैसे खेल खेलें। इससे उनका दिमाग भी तेज होगा। उन्हें प्रदर्शनी और किताब मेलों में ले जाएं। इससे उनमें नई चीजें सीखने की ललक बढ़ेगी।
बच्चों की सुस्ती दूर भगाएं
लम्बे वक्त तक पढ़ने के लिए बच्चों को सही समय पर सही आहार अवश्य दें। बच्चों के पढ़ाई के पहले कोई भी ऐसा आहार न दें, जिससे उन्हें सुस्ती आए। बच्चों में नियमित तौर पर व्यायाम की आदत डालें। पढ़ाई के बीच में बच्चों से थोड़ी-बहुत बातें करते रहें ताकि वे सक्रिय रहें। पढ़ाई के लिए उन्हें घर में सही स्थान दें, जहां आवाज और आने-जाने वालों के कारण पढ़ाई में रूकावट न हो।