कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता, जिनका रतन टाटा की वसीयत में है जिक्र?
क्या है खबर?
दिवगंत उद्योगपति रतन टाटा ने वसीयत में अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा मोहिनी मोहन दत्ता नामक व्यक्ति को दिया है।
यह नाम इससे पहले चर्चित तौर पर सुनने को नहीं मिला था। टाटा ने 500 करोड़ रुपये की संपत्ति उनके नाम छोड़ी है।
हालांकि, यह संपत्ति उन्हें तभी मिलेगी जब कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, जिसमें लगभग 6 महीने का समय लग सकता है।
बता दें, टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को हुआ था।
परिचय
कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता?
दत्ता जमशेदपुर के व्यवसायी हैं और स्टैलियन कंपनी के सह-मालिक रह चुके हैं।
पहले उनके पास कंपनी का 80 प्रतिशत हिस्सा था, जबकि टाटा इंडस्ट्रीज के पास 20 प्रतिशत था, लेकिन बाद में कंपनी का टाटा समूह में विलय हो गया।
बताया जाता है कि टाटा से उनकी पहली मुलाकात 24 साल की उम्र में जमशेदपुर के एक डीलर्स हॉस्टल में हुई थी। उस समय वे एक सामान्य व्यवसायी थे, लेकिन बाद में टाटा समूह से उनकी करीबी बढ़ती गई।
रिश्ता
रतन टाटा से गहरा रिश्ता
दत्ता टाटा समूह से करीब 6 दशक तक जुड़े रहे और उन्हें टाटा परिवार का करीबी माना जाता था। वे समूह की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल रहे।
दिसंबर, 2024 में टाटा की जयंती पर आयोजित समारोह में भी उन्हें आमंत्रित किया गया था, जहां केवल परिवार और बेहद करीबी लोग ही शामिल थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी बेटी भी टाटा समूह में काम कर चुकी हैं और 2015 तक ताज होटल व 2024 तक टाटा ट्रस्ट से जुड़ी रही हैं।