रतन टाटा की वसीयत में बड़ा खुलासा, इस व्यक्ति को मिलेगी 500 करोड़ रुपये की संपत्ति
क्या है खबर?
दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत खुलने के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है।
इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा मोहिनी मोहन दत्ता को दिया है, जिसकी अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
दत्ता जमशेदपुर के ट्रैवल बिजनेस से जुड़े हैं, लेकिन उनके और टाटा के पुराने रिश्तों की जानकारी बहुत कम लोगों को थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दत्ता पहले टाटा इंडस्ट्रीज और ताज ग्रुप से जुड़े थे।
रिश्ता
इतना पुराना है रिश्ता
दत्ता ने बताया है कि वे पहली बार टाटा से जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में मिले थे, जब टाटा 24 साल के थे।
इसके बाद से दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध बना और अक्टूबर, 2024 में टाटा के अंतिम संस्कार में भी दत्ता मौजूद थे।
इसके अलावा, दिसंबर, 2024 में टाटा की जयंती समारोह में भी उन्हें आमंत्रित किया गया था। दत्ता का कहना है कि टाटा ने उनके करियर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
संपत्ति
परोपकार के लिए बड़ी संपत्ति समर्पित
टाटा की संपत्ति का बड़ा हिस्सा समाज सेवा के लिए समर्पित किया गया है। उन्होंने रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट नाम से 2 संस्थाएं बनाई थीं, जो उनके दान कार्यों को जारी रखेंगी।
उनकी सौतेली बहनें, जिन्हें वसीयत में लाभार्थी बनाया गया है, वे भी अपने हिस्से को परोपकार में लगाने पर विचार कर रही हैं। वह हमेशा से समाज सेवा के लिए समर्पित रहे और उनकी वसीयत भी इसी सोच को दर्शाती है।
विरासत
रतन टाटा की विरासत और टाटा समूह
टाटा भारत के सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में से एक थे। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
टाटा समूह भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, जिसका वार्षिक राजस्व 100 अरब डॉलर (लगभग 8,700 अरब रुपये) से अधिक है। अक्टूबर, 2024 में 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।
उनकी वसीयत से यह साफ होता है कि उन्होंने अपने करीबी सहयोगियों और समाज सेवा को हमेशा प्राथमिकता दी।