
शेयर बाजार: ट्रंप के टैरिफ के बाद 800 अंक लुढ़का सेंसेक्स, जानिए गिरावट की सभी वजहें
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के एक दिन बाद भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। आज (31 जुलाई) सुबह बाजार खुलते ही सेंसेक्स लगभग 800 अंक गिर गया और 80,695 के स्तर तक पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 50 भी 24,650 के नीचे लुढ़क गया। लगभग सभी सेक्टरों में बिकवाली देखने को मिली, जिससे शुरुआती कारोबार में बाजार में नकारात्मक रुख देखने को मिला।
नुकसान
मिडकैप-स्मॉलकैप में ज्यादा नुकसान
BSE मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में करीब 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो दर्शाता है कि निवेशकों ने छोटे शेयरों को ज्यादा बेचा। आज सुबह 10 बजे तक सेंसेक्स करीब 612 अंक नीचे था जबकि निफ्टी में लगभग 179 अंक की गिरावट आई। शुरुआती कुछ मिनटों में ही निवेशकों को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, जिससे BSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर 449 लाख करोड़ रुपये के करीब आ गया।
वजह
टैरिफ
शेयर बाजार में भारी गिरावट की पहली प्रमुख वजह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा है। इससे भारतीय निर्यात और पूंजी प्रवाह पर दबाव बना है। इसके साथ ही, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती के कोई संकेत न मिलने से भी निवेशकों में निराशा है। यह चिंता बढ़ा रही है कि उच्च दरों का दौर लंबा चल सकता है, जिससे विदेशी निवेशकों की धारणा और कमजोर हो सकती है।
FPI
FPI बिकवाली और कमजोर आय का असर
जुलाई में FPI ने 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की है, जो बाजार को नीचे खींचने वाली बड़ी वजह बन गई। इसके अलावा, कंपनियों की पहली तिमाही की आय अनुमान से कमजोर रही है। IT और बैंकिंग सेक्टर में दबाव अब भी बना हुआ है। विशेषज्ञों को भले दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद हो, लेकिन फिलहाल टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितता की वजह से निवेशकों का भरोसा डगमगाया हुआ है।
दबाव
तकनीकी दबाव और सपोर्ट लेवल की चुनौती
तकनीकी रूप से निफ्टी 24,650 के नीचे फिसल गया है, जिससे बाजार के 24,250 तक गिरने की आशंका जताई जा रही है। 24,600 का स्तर अब एक अहम सपोर्ट बन गया है, जिसे टूटने पर और गिरावट संभव है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बाजार इस स्तर के ऊपर बना रहता है तो जल्द ही 25,000 की ओर वापसी हो सकती है। बाजार का रुख फिलहाल पूरी तरह सतर्क और संवेदनशील बना हुआ है।