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LIC पॉलिसी मैच्योर होने से पहले कराना चाहते हैं सरेंडर, जानिए क्या होंगे नुकसान 
LIC पॉलिसी को 3 साल का प्रीमियम भरने के बाद बंद कराया जा सकता है

LIC पॉलिसी मैच्योर होने से पहले कराना चाहते हैं सरेंडर, जानिए क्या होंगे नुकसान 

Dec 24, 2024
03:33 pm

क्या है खबर?

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की जीवन बीमा पॉलिसी आपातकालीन स्थिति में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। अगर, परिवार में कमाने वाले व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाए, तो इस स्थिति में पॉलिसी आश्रितों को आर्थिक मदद देती है। कई बार प्रीमियम भुगतान में परेशानी या अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर पॉलिसी को समय से पहले सरेंडर करने की नौबत आ जाती है। आइये जानते हैं मैच्योर होने से पॉलिसी सरेंडर करने के क्या नुकसान होते हैं।

कटौती 

वापस मिलती है केवल इतनी राशि

LIC पॉलिसी का 3 साल प्रीमियम भरने के बाद मैच्योरिटी से पहले बंद कराने को पॉलिसी को सरेंडर करना कहते हैं। आपको पॉलिसी सरेंडर करने पर इसके पैसे भी वापस मिलते हैं, जिसे सरेंडर वैल्यू कहते हैं। आमतौर पर सरेंडर वैल्यू अब तक भुगतान किए गए प्रीमियम का 30 फीसदी होता है। बीमा कंपनी प्रीमियम के रूप में जमा राशि पर सरेंडर शुल्क काटती है। ऐसे में भरे गए प्रीमियम की राशि भी नहीं मिलने से नुकसान झेलना पड़ता है।

नुकसान 

नहीं मिलते मैच्योर होने पर मिलने वाले फायदे 

पॉलिसी सरेंडर करने पर आप इस पर मिलने वाले कई फायदों से हाथ धो बैठते हैं। पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर LIC नॉमिनी को मृत्यु लाभ की राशि देती है। इसके साथ ही पॉलिसी मैच्योर होने पर जमा राशि पर बोनस और नकद मूल्य का भी लाभ मिलता है। पॉलिसी सरेंडर करने पर लाभ बहुत कम हो जाता है। बीमा पॉलिसी के जरिए टैक्स में छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं, जो सरेंडर करने के बाद नहीं मिलेगा।