एजेंट के माध्यम से जीवन बीमा पॉलिसी ख़रीदने से पहले ध्यान में रखें ये बातें
क्या है खबर?
आजकल हर कोई अपने भविष्य के बारे में सोचता है। जीवन बीमा एक ऐसा ही उत्पाद है, जो लोगों के भविष्य को सुरक्षित रखता है।
यह पॉलिसीधारक की असामयिक मृत्यु जैसी अप्रत्याशित घटना में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
हालाँकि, जीवन बीमा पॉलिसी ख़रीदते समय आपको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। ख़ासतौर से तब जब आप किसी एजेंट के माध्यम से पॉलिसी ले रहे हों।
यहाँ ऐसी ही पाँच बातों के बारे में बताया गया है।
#1
केवल आश्रितों के लिए न लें पॉलिसी
यह एक मिथक है कि जीवन बीमा केवल उन्ही लोगों को ख़रीदना चाहिए, जिनके पास आश्रित हैं। इसके बारे में एजेंट आपको नहीं बताते हैं। यहाँ बता दें कि आश्रित आपके माता-पिता, पत्नी या बच्चे हो सकते हैं।
यह एक दीर्घकालिक उत्पाद होता है। इसे न केवल आश्रितों के लिए बल्कि ख़ुद के लिए भी ख़रीद जा सकता है।
कोई भी जीवन बीमा पॉलिसी ख़रीदते समय 10 वर्ष के क्षितिज पर विचार कर लेना चाहिए।
#2
ज़रूरत के हिसाब से ही पॉलिसी लें
यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि एजेंट का काम पॉलिसी बेचना है। वह आपको किसी भी तरह अपनी पॉलिसी बेचना चाहेगा।
कई बार एजेंट आपको नई पॉलिसी के बारे में बताता है, क्योंकि उससे उसको कमीशन मिलता है।
वह आपको एक नई पॉलिसी बेचने की भी कोशिश कर सकता है, जिसकी आपको आवश्यकता न हो।
ऐसे में आप सावधान रहें और अपनी ज़रूरत के हिसाब से ही पॉलिसी ख़रीदें। ज़्यादा पॉलिसी ख़रीदने का कोई मतलब नहीं है।
जानकारी
निवेश करने से पहले रिटर्न पर विचार करें
जब भी आप कोई निवेश करें, तो सबसे पहले उसके रिटर्न पर विचार कर लें। भविष्य की योजना बनाने से पहले वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर लें। पहले जीवन, स्वास्थ्य और सेवानिवृत्ति की योजना बनाना ज़रूरी है।
#4
बीमा में निवेश करने से पहले क्लेम सेटलमेंट अनुपात की जाँच करें
बीमा कंपनी की मुख्य ज़िम्मेदारी क्लेम की गई राशि का भुगतान करना और जीवन बीमा परिपक्वता का लाभ प्रदान करना है।
किसी भी बीमा कंपनी का चयन करते समय सबसे पहले उसके हाई क्लेम सेटलमेंट अनुपात को ध्यान में रखें। इसे IRDA (Insurance Regulatory and Development Authority) की अधिकारिक वेबसाइट पर आसानी से चेक किया जा सकता है।
हाई क्लेम सेटलमेंट अनुपात की जाँच करना एक परेशानी मुक्त प्रक्रिया सुनिश्चित करता है।
#5
टर्म इंस्योरेंस और ULIPs पर नहीं मिलता लोन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीमा पॉलिसी न केवल आपको वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि यह आपके कर दायित्व को भी कम करती है।
लोन लेते समय यह कोलेट्रल के रूप में भी कार्य करती है। आमतौर पर लोन केवल पारंपरिक पॉलिसी जैसे एंडाउमेंट और मनी बैक पॉलिसी के ख़िलाफ़ ही दिया जा सकता है।
इस बात का ध्यान रखें कि टर्म इंश्योरेंस कवर और ULIPs को सुरक्षा के रूप में गिरवी नहीं रखा जा सकता है।