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LIC IPO: पहले ही दिन निवेशकों को नुकसान, 8% गिरावट के साथ शेयरों की लिस्टिंग
LIC IPO: पहले ही दिन निवेशकों को नुकसान, 8% गिरावट के साथ शेयरों की लिस्टिंग

LIC IPO: पहले ही दिन निवेशकों को नुकसान, 8% गिरावट के साथ शेयरों की लिस्टिंग

May 17, 2022
03:05 pm

क्या है खबर?

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने आज अपने शेयर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कर दिए। इन्हें इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की कीमत पर आठ प्रतिशत से अधिक डिस्काउंट के साथ लिस्ट किया गया है। LIC ने मुंबई के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में अपने एक शेयर को 8.62 प्रतिशत के डिस्काउंट के साथ 867.20 रुपये में लिस्ट किया, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में इन्हें 8.11 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 872 रुपये में लिस्ट किया गया।

मौजूदा स्थिति

अभी कितने रुपये पर ट्रेंड कर रहा LIC का शेयर?

मौजूदा कीमत की बात करें तो दोपहर 3 बजे BSE पर LIC के शेयर की कीमत 875.95 रुपये पर ट्रेंड कर रही है, जो कि लिस्टिंग की कीमत से 1.01 प्रतिशत अधिक है और 949 रुपये की IPO की कीमत से 7.70 प्रतिशत कम है। सुबह इसकी कीमत 920 रुपये तक पहुंच गई थी, लेकिन फिर इसमें गिरावट आना शुरू हो गया। NSE निफ्टी पर भी लगभग यही स्थिति है।

IPO

4 मई से 9 मई के बीच जारी किए गए थे LIC के IPO

इससे पहले LIC ने 4 मई से 9 मई के बीच अपने IPO जारी किए थे। एक IPO की कीमत 949 रुपये रखी गई थी। LIC की पॉलिसी ले चुके लोगों को कीमत पर 60 रुपये का डिस्काउंट दिया गया, वहीं खुदरा निवेशकों और कर्मचारियों को 45 रुपये का डिस्काउंट दिया गया। कर्मचारियों के लिए कुल IPO का पांच प्रतिशत हिस्सा और पॉलिसी-होल्डर्स के लिए 10 प्रतिशत हिस्सा आरक्षित किया गया है।

विनिवेश योजना

सरकार ने 2020 के बजट में किया था LIC के विनिवेश का ऐलान

गौरतलब है कि राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए पिछले काफी समय से केंद्र सरकार सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेच रही है और इसी कड़ी में 2020 के बजट में LIC के विनिवेश और इसके IPO उतारने का ऐलान किया गया था। इसके बाद पिछले साल के बजट में भी इसका ऐलान किया गया। पहले मार्च, 2022 में इसका IPO आने वाला था, लेकिन यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण इसे टाल दिया गया।

LIC विनिवेश

सरकार को LIC के विनिवेश से मिल रहे उम्मीद से कम पैसे

बता दें कि सरकार को LIC के विनिवेश से उम्मीद से कम पैसे मिल रहे हैं। पहले सरकार LIC का पांच प्रतिशत हिस्सा बेचने पर 60,000 करोड़ रुपये इकट्ठा होने की उम्मीद कर रही थी, जिससे उसे 2021-22 में 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य हासिल करने में आसानी होती। हालांकि अब महज 21,000 करोड़ में 3.5 प्रतिशत हिस्से का विनिवेश किया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर पांच प्रतिशत हिस्से को 30,000 करोड़ रुपये में बेचा जाएगा।