
वॉरेन बफेट की ऐतिहासिक कारोबारी उड़ान खत्म, बर्कशायर को दी 55 लाख प्रतिशत की छलांग
क्या है खबर?
दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट इस साल के अंत में बर्कशायर हैथवे के CEO पद से हटेंगे।
1964 में जब उन्होंने कंपनी की कमान संभाली थी, तब कोई सोच भी नहीं सकता था कि यह सफर इतना बड़ा होगा।
बफेट ने कंपनी को 60 साल में 55 लाख प्रतिशत का रिटर्न दिलाया और इसे 1.2 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 1 लाख अरब रुपये) की वैल्यू तक पहुंचाया। उनका यह योगदान निवेश जगत में मिसाल बन गया है।
रिटर्न
S&P 500 से दोगुना रिटर्न
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, बफेट के नेतृत्व में बर्कशायर हैथवे ने 1964 से 2024 तक 55.02 प्रतिशत का रिटर्न दिया।
इस दौरान अमेरिकी शेयर बाजार के S&P 500 इंडेक्स का रिटर्न करीब 39,000 प्रतिशत रहा, यानी बफेट की कंपनी ने इस इंडेक्स के मुकाबले करीब दोगुना प्रदर्शन किया।
यह बताता है कि उनका निवेश नजरिया कितना प्रभावशाली और स्थिर रहा है, जिससे लाखों निवेशकों को बड़ा मुनाफा हुआ।
लाभांश
बिना लाभांश के भी बनी दिग्गज कंपनी
बर्कशायर हैथवे ने सिर्फ एक बार 1967 में लाभांश दिया और फिर कंपनी ने कभी लाभांश नहीं दिया।
इसके बावजूद कंपनी आज दुनिया की सबसे बड़ी गैर-टेक और गैर-तेल कंपनी है। बफेट का मानना है कि मुनाफे को दोबारा निवेश करना ज्यादा सही है।
बर्कशायर के पास करीब 180 कारोबार हैं और इनसे सालाना लगभग 33,000 अरब रुपये की कमाई होती है, जो कंपनी को स्थिर और मजबूत बनाता है।
नकद भंडार
14,000 अरब रुपये के शेयर और रिकॉर्ड नकद भंडार
बफेट के पास बर्कशायर के क्लास A शेयर हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 14,000 अरब रुपये है।
कंपनी का स्टॉक पोर्टफोलियो लगभग 22,000 अरब रुपये का है, जिसमें ऐपल, कोका-कोला, बैंक ऑफ अमेरिका जैसे दिग्गज शामिल हैं।
2024 की पहली तिमाही तक कंपनी के पास लगभग 29,000 अरब रुपये नकद था। सभी कंपनियों में कुल मिलाकर लगभग 3.92 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिससे इसका दायरा और असर बहुत बड़ा हो गया है।