अब टाटा समूह बनाएगी भारत में ऐपल के आईफोन, हुई आधिकारिक घोषणा
इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आज घोषणा की है कि टाटा समूह ढाई साल के भीतर घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए भारत में ऐपल के आईफोन बनाना शुरू कर देगी। यह विकास भारत की बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को दिखाता है। कंपनी के एक बयान के अनुसार, समूह ने ऐपल सप्लायर विस्ट्रॉन कॉर्प के संचालन का अधिग्रहण कर लिया है। आज एक बोर्ड बैठक में इस मामले से जुड़ी प्रगति की बारे में घोषणा की गई।
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मीटिंग में लिया गया ये फैसला
मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विस्ट्रॉन कॉर्प की घोषणा शेयर की, जिसमें कहा गया कि कंपनी ने 27 अक्टूबर, 2023 को बोर्ड डायरेक्टर्स की मीटिंग बुलाई। मीटिंग में विस्ट्रॉन कॉर्प ने अपनी सहायक कंपनियों SMS इंफोकॉम (सिंगापुर) और विस्ट्रॉन हांगकांग लिमिटेड को टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (TEPL) के साथ एक शेयर खरीद समझौते को मंजूरी दी। इस समझौते में विस्ट्रॉन इंफोकॉम मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (WMMI) में विस्ट्रॉन कॉर्प की 100 प्रतिशत अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी की बिक्री शामिल है।
पहली बार कोई भारतीय कंपनी करेगी आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग
इस डील की प्रारंभिक अनुमानित कीमत लगभग 1,000 करोड़ रुपये है। इस वर्ष जुलाई में प्रकाशित ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में मामले से परिचित सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया था कि टाटा समूह ऐपल के सप्लायर से एक फैक्ट्री का अधिग्रहण करने के लिए एक एग्रीमेंट के करीब है। अब इससे जुड़ी आधिकारिक घोषणा के बाद यह तय हो गया है कि पहली बार कोई भारतीय कंपनी आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग करेगी।
अन्य देशों की कंपनियां भारत में करती हैं आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग
अभी भारत में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग होती जरूर है, लेकिन उसे बनाने वाली कंपनियां दूसरे देशों की हैं। उदाहरण के लिए ऐपल के कुछ आईफोन मॉडल का निर्माण भारत में फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन कंपनियां अपने प्लांट में करती है, लेकिन ये ताइवान की कंपनी हैं। ऐपल काफी समय से अपनी मैन्युफैक्चरिंग को चीन से दूसरे देश में स्थानांनतरित करने की रणनीति पर काम कर रही है। इस डील से ऐपल की उस रणनीति को भी मजबूती मिलेगी।
क्यों विफल हुई विस्ट्रॉन?
विस्ट्रॉन फैक्ट्री में 10,000 से अधिक कर्मचारी हैं। 30 जून को समाप्त तिमाही में इसने लगभग 4,100 करोड़ रुपये के आईफोन निर्यात किए। साल 2017 में भारत में ऐपल के 3 सप्लायर में काम शुरू करने वाली पहली कंपनी विस्ट्रॉन थी। कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग और वेंडर मैनेजमेंट में विफलता से ताइवानी कंपनी विस्ट्रॉन भारत से कारोबार समेट रही है। दिसंबर, 2020 में वेतन को लेकर कर्मचारियों के हंगामे से हुई हिंसा में विस्ट्रॉन को 440 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।