
इंफोसिस ने मैसूर कैंपस से फिर 195 ट्रेनी युवाओं को किया बाहर, जानिए क्या है वजह
क्या है खबर?
इंफोसिस ने फिर बड़ी संख्या में ट्रेनी युवाओं को कंपनी से बाहर निकाल दिया है।
कर्मचारियों को आज (29 अप्रैल) भेजे गए एक ईमेल के अनुसार, 195 ट्रेनी को हटा दिया गया। ये सभी 680 के उस बैच से थे, जिनकी ट्रेनिंग इंफोसिस के मैसूर कैंपस में चल रही थी।
इस साल फरवरी से अब तक करीब 800 ट्रेनी लोगों को निकाला जा चुका है, जिसमें से कुछ ने स्किल बढ़ाने वाले कोर्स और नौकरी की मदद ली है।
वजह
कमजोर प्रदर्शन बना छंटनी की वजह
कंपनी ने कहा कि जिन लोगों को निकाला गया, वे मैसूर कैंपस में 'जेनेरिक फाउंडेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम' में लगातार 3 बार असफल हुए।
उन्हें अतिरिक्त तैयारी का समय, डाउट क्लियरिंग सेशन और मॉक टेस्ट भी दिए गए थे, लेकिन वे योग्यता मानकों को पूरा नहीं कर सके।
कंपनी ने अपनी नीति के अनुसार ही उन्हें बाहर करने का फैसला लिया है, जिसके तहत फेल होने वाले ट्रेनी प्रोग्राम में आगे नहीं बढ़ सकते।
राहत
विकल्प और सरकारी जांच में राहत
इस छंटनी से प्रभावित ट्रेनी लोगों को अपग्रेड और NIIT के जरिए मुफ्त अपस्किलिंग कोर्स की सुविधा दी जा रही है।
BPM करियर पथ चुनने वाले लोगों को 12 हफ्ते की ट्रेनिंग, यात्रा भत्ता और एक महीने का भुगतान मिलेगा। अगर कोई ट्रेनी इसमें शामिल नहीं चाहता तो, उन्हें मैसूर से उनके शहर तक जाने के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा और अस्थायी आवास मिलेगा।
कर्नाटक श्रम विभाग ने मैसूर कैंपस की जांच के बाद इंफोसिस को क्लीन चिट दे दी है।