गिफ्ट कार्ड और वाउचर पर नहीं लगेगा GST, बोर्ड ने दी जानकारी
क्या है खबर?
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने साफ किया है कि प्रीपेड वाउचर जैसे गिफ्ट कार्ड और डिजिटल वॉलेट पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू नहीं होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा इन्हें 'पैसे' के रूप में परिभाषित किया गया है। वाउचर का उपयोग माल और सेवाओं की खरीद में किया जा सकता है, लेकिन इनसे जुड़े लेनदेन को GST के दायरे में नहीं माना जाएगा।
हालांकि, वाउचर से खरीदी गई वस्तुएं और सेवाओं पर GST लगेगा।
गैर-प्रीपेड वाउचर
क्या गैर-प्रीपेड वाउचर पर लगेगा GST?
गैर-प्रीपेड वाउचर, जो विशिष्ट उत्पादों या सेवाओं को प्राप्त करने के लिए उपयोग होते हैं, उन्हें 'कार्रवाई योग्य दावा' माना गया है। इन वाउचर पर GST लागू नहीं होगा, क्योंकि इन्हें वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति नहीं माना जाता।
CBIC के अनुसार, ये वाउचर RBI की प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट श्रेणी में नहीं आते, इसलिए इनसे जुड़े लेनदेन पर कर नहीं लगेगा।
हालांकि, इन वाउचर के उपयोग से खरीदी गई वस्तुएं कर योग्य हो सकती हैं।
मॉडल
वाउचर वितरण के मॉडल
वाउचर वितरण के लिए CBIC ने 2 मॉडल बताए हैं।
पहले मॉडल में वितरक वाउचर खरीदकर बेचते हैं, जिसे 'प्रिंसिपल-टू-प्रिंसिपल' मॉडल कहा जाता है। इस मॉडल पर GST लागू नहीं होगा।
दूसरे मॉडल में वितरक एजेंट के रूप में कमीशन या शुल्क के आधार पर वाउचर बेचते हैं। इस कमीशन या शुल्क पर GST लगेगा।
यह नियम सेवा अनुबंध के अंतर्गत आता है और इसके तहत वितरक को कर चुकाना होगा।
अतिरिक्त सेवा
अतिरिक्त सेवाओं पर GST लागू
वाउचर वितरण के दौरान प्रदान की जाने वाली सभी अतिरिक्त सेवाएं, जैसे विज्ञापन और ग्राहक सहायता, GST के अधीन होंगी। हालांकि, इन सेवाओं के लिए लिए जाने वाले शुल्क पर GST लगाया जाएगा।
CBIC ने कहा है कि वाउचर वितरण से जुड़ी अतिरिक्त सेवाओं को GST योग्य सेवाओं की श्रेणी में ही रखा गया है, यानी इन पर GST लगेगा। इस कदम का उद्देश्य वाउचर लेनदेन में पारदर्शिता बनाए रखना है।
ब्रेकेज वाउचर
ब्रेकेज वाउचर पर GST नहीं
ब्रेकेज वाउचर पर भी GST नहीं लगेगा, क्योंकि इसे वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के अंतर्गत नहीं माना जाएगा। ऐसे वाउचर, जो उपयोग नहीं होते और समाप्त हो जाते हैं उन्हें 'ब्रेकेज' कहा जाता है।
CBIC ने यह भी साफ तौर पर बताया है कि इनसे प्राप्त धन को भी GST के दायरे से बाहर रखा गया है। यह व्यवसायों को कर अनुपालन में राहत देने वाला बड़ा निर्णय है।