भारत के एक प्रतिशत अमीरों के पास है देश की 40 प्रतिशत दौलत- ऑक्सफैम
क्या है खबर?
भारत के सबसे अमीर एक प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल दौलत का 40.5 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि सबसे गरीब 50 प्रतिशत जनता महज 3 प्रतिशत हिस्से के साथ गुजारा कर रही है।
ऑक्सफैम इंडिया की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
देश के 100 सबसे अमीर व्यक्तियों की दौलत की बात करें तो यह 2022 में बढ़कर 54.12 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है।
आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
21 अमीरों के पास 70 करोड़ लोगों से अधिक दौलत
ऑक्सफैम की यह रिपोर्ट बताती है कि देश के 10 सबसे अमीर व्यक्तियों की दौलत 2022 में 2021 की तुलना से 32.8 प्रतिशत बढ़कर 27.52 लाख रुपये हो गई है।
इसी के साथ देश में अरबपतियों की संख्या भी बढ़ी है। 2020 में देश में 102 और 2021 में 142 अरबपति थे, जो 2022 में बढ़कर 166 हो गए।
वहीं 21 सबसे अमीर अरबपतियों के पास देश की 70 करोड़ से अधिक आबादी से ज्यादा दौलत है।
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100 अमीरों की दौलत से चल सकता है 18 महीने का बजट
देश के 100 सबसे अमीर लोगों की दौलत से 18 महीनों का देश का आम बजट चल सकता है।
वहीं अगर भारत के अरबपतियों पर उनकी दौलत पर 2 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है तो इससे इतना पैसा आएगा, जिससे अगले तीन सालों तक देश में कुपोषितों के लिए उचित आहार की व्यवस्था हो सकती है।
पिछले 10 सालों में देश में जितने दौलत बनी है, उसका 40 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ एक प्रतिशत लोगों के पास गया है।
जानकारी
अमीरों से ज्यादा टैक्स दे रहे निम्न और मध्यम वर्ग के लोग- ऑक्सफैम
ऑक्सफैम का कहना है कि केंद्र सरकार निम्न और मध्यम वर्ग पर अमीरों से ज्यादा टैक्स लगा रही है।
2021-22 में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) से आए 14.83 करोड़ रुपये में से 64 प्रतिशत पैसा सबसे गरीब 50 प्रतिशत आबादी से आया है। अनुमान है कि 33 प्रतिशत पैसा मध्यम वर्गीय 40 प्रतिशत आबादी और केवल 3 प्रतिशत सबसे अमीर एक प्रतिशत आबादी से आया है।
गरीब जनता सबसे अमीर लोगों से अधिक अप्रत्यक्ष टैक्स दे रही है।
असमानता
भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा गरीब आबादी
एक तरफ भारत में अरबपतियों की दौलत और उनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीं इससे उलट करोड़ों लोग गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, देश की 22.89 करोड़ आबादी गरीबी में रहती है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। अगर टैक्स व्यवस्था को उदार नहीं बनाया जाता है तो यह असमानता और अधिक बढ़ सकती है।
भारत में इनकम टैक्स आय पर आधारित है, लेकिन अप्रत्यक्ष टैक्स अमीर और गरीब सबके लिए बराबर है।
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ऑक्सफैम ने बताई GST दरों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत
ऑक्सफैम ने सरकार से GST दरों को तर्कसंगत बनाने की मांग करते हुए कहा कि रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स दरें कम होनी चाहिए, जबकि लग्जरी चीजों पर ज्यादा टैक्स लगना चाहिए।
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑक्सफैम इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ बहर ने कहा कि अब वक्त आ गया है, जब अमीरों को अपने हिस्से का टैक्स चुकाना चाहिए। हासिये पर पड़े लोग ऐसी व्यवस्था के भुगतभोगी बने हुए हैं, जो अमीरों के लिए बनी है।