हैदराबाद: ऑटो ड्राइवर ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, हकदार को लौटाया पैसों से भरा थैला
क्या है खबर?
कोरोना वायरस संकट और इसके कारण हो रही परेशानियां हैदराबाद के एक ऑटो रिक्शा चालक को ईमानदारी के मार्ग से नहीं हटा सकी।
मोहम्मद हबीब नामक इस ड्राइवर ने पैसों से भरा एक थैला उसकी असली हकदार को लौटाकर एक मिसाल पेश की है।
उनके इस काम की हर कोई तारीफ कर रहा है। पुलिस भी उनके इस काम से खुश हुई है और हबीब को सम्मानित किया है।
आइये, उनके इस ईमानदारी भरे काम के बारे में जानते हैं।
मामला
लावारिस थैला देखकर डर गए थे हबीब
हर रोज की तरह मंगलवार को भी हबीब ऑटो रिक्शा लेकर काम पर गए थे।
दोपहर में दो महिलाओं को सिद्दियांबर बाजार इलाके में उतारने के बाद हबीब दूसरी जगह चले गए। इस दौरान उन्होंने देखा कि पिछली सीट पर एक पानी की बोतल और एक थैला रखा हुआ है।
लावारिस थैले को देखकर हबीब डर गए और तुरंत ऑटो रिक्शा के मालिक के पास पहुंचे। थैला खोलने पर उन्होंने पाया कि इसमें नोटों के बंडल रखे हुए हैं।
जानकारी
हबीब ने एक बार भी पैसा रखने का नहीं सोचा
हबीब ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि सवारी को तलाश पाना काफी मुश्किल काम होता। इसलिए पुलिस थाने में जाना सही लगा। इस दौरान एक बार भी उनके मन में पैसे रखने का विचार नहीं आया।
मामला
थैले में थे 1.4 लाख रुपये
इसके बाद हबीब कालापत्थर पुलिस थाने पहुंचे। वहां अधिकारियों ने पाया कि थैले में 1.4 लाख रुपये हैं।
SHO एस सुदर्शन ने बताया कि आयशा नामक एक महिला यात्री सफर के दौरान अपना थैला भूल गई थी। हबीब के थाने पहुंचने से पहले आयशा ने वहां आकर इसकी जानकारी दी थी।
सुदर्शन ने बताया कि मामले में किसी ने शिकायत नहीं की है। दोनों ने एक-दूसरे को पहचान लिया है और महिला को उसका थैला सुपुर्द कर दिया गया।
ईनाम
आयशा और पुलिस ने हबीब को किया सम्मानित
महिला ने हबीब की ईमानदारी से खुश होकर उन्हें 5,000 रुपये ईनाम दिया। SHO सुदर्शन ने हबीब को माला पहनाई और शॉल भेंट किया।
हबीब ने बताया, "वो अपना पैसा वापस पाकर बहुत खुश थीं। उन्होंने मेरा बहुत धन्यवाद किया। मेरी किस्मत अच्छी थी कि वापस आते समय मुझे कोई सवारी नहीं मिली। मैंने उन्हें जिस जगह उतारा था, वहां देखने भी गया था कि शायद वो अपना थैला देखने आए, लेकिन कोई मिला नहीं।"
प्रभाव
लॉकडाउन से हबीब की रोजी-रोटी पर पड़ा असर
कोरोना महामारी के कारण हबीब जैसे ऑटो रिक्शा ड्राइवरों पर बुरा असर पड़ा है।
हबीब ने बताया कि कोरोना वायरस के डर के कारण लोग ऑटो में सफर करने से बचते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे भी बीमारी का डर रहता है। मैं पूरे दिन सड़कों पर रहता हूं और मुश्किल से रोजाना 200-300 रुपये कमा पाता हूं, जिसमें से रोजाना 250 रुपये ऑटो के किराये के देने पड़ते हैं।"