दुनियाभर के बाजारों में कम हुई स्मार्टफोन की मांग, पूरे साल गिरावट रहने के आसार
वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में इस पूरे साल गिरावट की आशंका है और यह गिरावट पिछले दशक के सबसे निचले स्तर तक जा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस भारी मंदी के पीछे का मुख्य कारण डिवाइस रिप्लेसमेंट पैटर्न में आने वाले उल्लेखनीय बदलाव को माना जा रहा है। यह बदलाव खासतौर से विकसित बाजारों में देखा जा रहा है। आइये स्मार्टफोन बाजार में गिरावट की स्थिति और इससे प्रभावित होने वाले स्मार्टफोन ब्रांड्स के बारे में जानते हैं।
प्रमुख ब्रांडों की कम मांग के कारण गिरा वैश्विक स्मार्टफोन बाजार
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश विकसित बाजारों में ऐपल और सैमसंग सहित प्रमुख ब्रांडों की कम मांग के कारण वैश्विक स्मार्टफोन बाजार सिकुड़ गया है। यह एक दशक में तीसरी तिमाही में सबसे निचले स्तर पर लुढ़क गया और सालाना आधार पर 8 प्रतिशत तक कम हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार में शीर्ष 5 ब्रांडों की हिस्सेदारी 3 साल के निचले स्तर पर आ गई है। इसमें शाओमी, ओप्पो और वीवो भी शामिल हैं।
मांग में धीमी गति से होने वाला सुधार है गिरावट का कारण
रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार में जारी मंदी से ऐपल जैसी कंपनियों की आगामी कमाई कम हो सकती है। इनकी शिपमेंट में तिमाही में 8 प्रतिशत की गिरावट आई है। सैमसंग ने इस अवधि में सेल-थ्रू वॉल्यूम में 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। गिरावट का मुख्य कारण उपभोक्ता मांग में धीमा सुधार है। हालांकि, सितंबर में तिमाही आधार पर 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी संकट से घिरे बाजार को उम्मीद की रोशनी दिखा रही है।
शीर्ष ब्रांडों को इनसे मिल रही है चुनौती
गिरावट एक स्पष्ट वास्तविकता है, लेकिन इसमें आशा की एक किरण भी है क्योंकि उभरते बाजार और शीर्ष 5 ब्रांड के अलावा अब अन्य ब्रांड भी स्मार्टफोन बाजार में चुनौती पेश कर रहे हैं। दरअसल, ऑनर, ट्रांजियन ग्रुप और हुआवे ने बाजार हिस्सेदारी हासिल करके और तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर वृद्धि हासिल की है। हुवेई ने चीन में, ट्रांजियन ने मध्य पूर्व और अफ्रीका के बाजार में तो ऑनर ने अन्य विदेशी बाजार में विस्तार किया है।
गिरावट के बाद भी सैमसंग ने बनाए रखी बढ़त
सैमसंग ने वैश्विक स्मार्टफोन बाजार में अपनी बढ़त बनाए रखी और तीसरी तिमाही में 20 प्रतिशत की महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी हासिल की। फ्लिप 5 सहित सैमसंग के नए फोल्डेबल फोन अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहे, वहीं इसके A-सीरीज मॉडल ने बजट रेंज सेगमेंट में अपनी पकड़ बनाए रखी। ऐपल ने आईफोन 15 सीरीज की सीमित उपलब्धता से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद 16 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है।