फ्लिपकार्ट देगी 5 लाख तक का पर्सनल लोन, एक्सिस बैंक के साथ साझेदारी की घोषणा की
वॉलमार्ट के स्वामित्व वाला ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट अब पर्सनल लोन की सुविधा देगा। इसके लिए कंपनी ने एक्सिस बैंक के साथ साझेदारी की है। फ्लिपकार्ट ने आज इसकी घोषणा करते हुए बताया कि उसके प्लेटफॉर्म पर ग्राहक 3 साल तक की अवधि के लिए 5 लाख तक का पर्सनल लोन एक्सिस बैंक से ले सकेंगे। बता दें कि फ्लिपकार्ट के प्लेटफॉर्म पर करीब 45 करोड़ लोग रजिस्टर्ड हैं। आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
30 सेकेंड के भीतर मिलेगी लोन की मंजूरी
फ्लिपकार्ट के बयान के मुताबिक, एक्सिस बैंक के साथ उसकी साझेदारी से ग्राहकों को 30 सेकेंड के अंदर लोन की मंजूरी मिल जाएगी। लोन चुकाने के लिए ग्राहकों को फ्लेक्सिबल रीपेमेंट साइकिल की सुविधा मिलेगी, जो 6 महीने से लेकर 36 महीने तक होगी। फ्लिपकार्ट और एक्सिस बैंक के बीच साझेदारी की घोषणा उस समय हुई है, जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे अधिक जोखिम वाले कर्जों में उच्च वृद्धि पर चिंता जताई है।
फ्लिपकार्ट पहले से दे रही है EMI और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधा- धीरज अनेजा
फ्लिपकार्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरज अनेजा ने कहा, "हमारा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पहले से ही बाई नाउ पे लेटर (BNPL), EMI और क्रेडिट कार्ड जैसी वित्तीय सुविधाएं दे रहा है।" वहीं एक्सिस बैंक के अध्यक्ष समीर शेट्टी ने कहा कि बैंक इस साझेदारी के माध्यम से ग्राहकों के व्यापक वर्ग को लोन की सुविधा प्रदान करेगा। उम्मीद की जा रही है कि इससे एक्सिस बैंक को फायदा पहुंचने के साथ ही फ्लिपकार्ट के ग्राहकों को भी फायदा होगा।
दिसंबर 2022 में फ्लिपकार्ट से अलग हो गया था फोन पे
वर्ष 2007 में स्थापित होने के बाद से वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट ने कई अलग-अलग कैटेगरी में अपने बिजनेस का विस्तार किया है। इसमें मिंत्रा, फ्लिपकार्ट होलसेल, फ्लिपकार्ट हेल्थ+ और क्लियरट्रिप शामिल हैं। फ्लिपकार्ट ने फोनपे को भी खरीदा था, जो पिछले साल दिसंबर में आधिकारिक तौर पर फ्लिपकार्ट ग्रुप से अलग हो गया था। फोनपे अब वॉलमार्ट समूह के भीतर ही एक अलग बिजनेस के रूप में स्थापित है अपने मर्चेंट्स को लोन देने भी देता है।
ई-कॉमर्स सेक्टर की सबसे बड़ी डील थी फ्लिपकार्ट की बिक्री
फ्लिपकार्ट एक भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी है। इसकी शुरुआत सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने 2007 में एक ऑनलाइन स्टोर के रूप में की थी। शुरुआत में इसमें पुस्तकें बेची जाती थी और बाद में अन्य वस्तुएं भी बेची जाने लगी। इसे बाद में वॉलमार्ट ने वर्ष 2018 में इसे खरीद लिया। वॉलमार्ट ने जब इसे खरीदा था, तब यह भारत के ई-कॉमर्स इतिहास की सबसे बड़ी डील थी। वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये में खरीदा था।