ओप्पो, वनप्लस, रियमली अलग-अलग कंपनियों के रूप में करेंगी काम, ये है BBK का प्लान
क्या है खबर?
भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन वनप्लस, ओप्पो, वीवो, रियलमी और iQoo की मूल कंपनी एक ही है। इनकी मूल कंपनी BBK इलेक्ट्रॉनिक्स है और अब इसके सभी ब्रांड खुद एक कंपनी के रूप में काम करने की तैयारी में हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, डुआन योंगपिंग द्वारा स्थापित कंपनी ने अपने भारत के बिजनेस का पुनर्गठन किया है और 3 ब्रांड ओप्पो, वनप्लस और रियलमी को अलग कंपनी बना दिया है।
कार्रवाई
कार्रवाई से बचने में मदद कर सकता है ये फैसला
कंपनी के इस फैसले को भारत सरकार द्वारा चीनी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई से बचने के उपाय के तौर पर देखा जा रहा है।
देश की विभिन्न एजेंसियों ने ओप्पो, वीवो पर इनकम टैक्स चोरी, कस्टम शुल्क उल्लंघन, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था।
मामले से परिचित लोगों के हवाले से इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि BBK इलेक्ट्रॉनिक्स ने ओप्पो, वनप्लस और रियलमी को अलग कंपनी बनाकर भारत में अपने बिजनेस का पुनर्गठन किया है।
बिक्री
वनप्लस और रियलमी के लिए फोन बनाती रहेगी ओप्पो
कंपनी ने कथित तौर पर वनप्लस और रियलमी की बिक्री और वितरण को कानूनी तौर पर वनप्लस टेक्नोलॉजी इंडिया और रियलमी मोबाइल टेलीकम्यूनिकेशन इंडिया में बदल दिया है। इससे पहले इसकी देखरेख ओप्पो मोबाइल्स इंडिया करती थी।
ओप्पो की बिक्री और वितरण का काम अब ओप्पो मोबाइल्स इंडिया संभालेगी। हालांकि, वनप्लस और रियलमी के लिए स्मार्टफोन बनाने का काम ओप्पो जारी रखेगी।
वीवो और इसका सब-ब्रांड iQoo देश में एक अलग इकाई वीवो मोबाइल इंडिया के तहत काम करते हैं।
कारोबार
भारतीय फोन निर्माता की तलाश में लगे वनप्लस और रियलमी
रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि चीनी कंपनियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई को देखते हुए BBK सतर्क है कि ओप्पो मोबाइल्स इंडिया के खिलाफ कोई भी कार्रवाई उसके 3 बड़े ब्रांडों के कारोबार को प्रभावित करेगी। यही वजह है कि वह तीनों ब्रांडों को अलग करना चाहती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वनप्लस और रियलमी पहले से ही भारतीय फोन निर्माता की तलाश कर रहे हैं, जिससे अनुबंध किया जा सके।
चोरी
इन मामलों में चल रही है ओप्पो की जांच
BBK इलेक्ट्रॉनिक्स के स्वामित्व वाली कंपनी वीवो और ओप्पो के अलावा एक अन्य फोन निर्माता कंपनी शाओमी शुल्क चोरी और भारत के बाहर पैसा भेजने से जुड़े मामले को लेकर जांच के दायरे में हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने ओप्पो 4,389 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी मामले में नोटिस जारी किया था।
ओप्पो पर इंपोर्ट किए गए प्रोडक्ट की सही जानकारी न देकर 2,981 करोड़ रुपये की ड्यूटी छूट पाने का भी आरोप है।
जानकारी
वीवो पर भी हुई है कार्रवाई
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले साल वीवो से जुड़े लगभग 119 खातों को ब्लॉक कर दिया था। वीवो पर भी टैक्स बचाने के लिए भारत से हजारों करोड़ रुपये चीन भेजने का आरोप था।