
बैंकों में लावारिस पड़े हैं 67,000 करोड़ रुपये, सरकार ने किया खुलासा
क्या है खबर?
भारत सरकार ने खुलासा किया है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों में 67,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लवारिस जमा पड़े हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार (28 जुलाई) को लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसमें से 30 जून तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता (DEA) कोष में 58,330 करोड़ और निजी क्षेत्र के बैंकों ने 8,673.72 करोड़ का योगदान है।
सबसे ज्यादा
सबसे ज्यादा इस बैंक के पास
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की श्रेणी में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में सबसे ज्यादा लावारिस राशि 19,329 करोड़ रुपये जमा हैं। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक और केनरा बैंक क्रमशः 6,910 करोड़ और 6,278 करोड़ रुपये के साथ दूसरे और तीसरे पायदान पर हैं। निजी बैंकों में ICICI बैंक के पास सबसे अधिक 2,063 करोड़ पड़े हैं, जिसके बाद HDFC के पास 1,609.56 करोड़ और एक्सिस बैंक के पास 1,360 करोड़ रुपये जमा हैं।
DEA फंड
क्या है DEA फंड योजना?
DEA फंड योजना 2014 में चालू की गई, जो उन बचत और चालू खातों में जमा राशि को इस फंड में स्थानांतरित करने का आदेश देती है, जो 10 सालों से अधिक समय से निष्क्रिय हैं। यह उन सावधि जमाओं पर भी लागू होता है, जो परिपक्वता के बाद एक दशक तक बिना दावे के रहती हैं। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को इस योजना के तहत ऐसी धनराशि को DEA फंड में स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं है।