टाटा डीजल इंजन कारों की पेशकश जारी रखेगी, जानिए इसको लेकर क्या कहा
बढ़ते प्रदूषण के कारण जहां दुनियाभर में डीजल कारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है, दूसरी तरफ टाटा मोटर्स ने डीजल गाड़ियों की पेशकश जारी रखने की बात कही है। कंपनी के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी विवेक श्रीवत्स का मानना है कि निर्माताओं, सरकारी निकायों और बाजार की नकारात्मक प्रतिक्रिया के बावजूद डीजल कारों की मांग बनी रहेगी। बता दें, टाटा पहली डीजल हैचबैक कार इंडिका पेश करने वाली निर्माता है।
बंद करना पड़ा यह डीजल इंजन
BS6 उत्सर्जन मानदंड के चलते टाटा को टिगोर और टियागो का 1.1-लीटर डीजल इंजन बंद करना पड़ा। हालांकि, बाद में कंपनी ने कड़े मानदंडों को पूरा करने के लिए नेक्सन और अल्ट्रोज के लिए इसे 1.5-लीटर डीजल यूनिट में अपग्रेड कर दिया। टाटा अल्ट्रोज वर्तमान में डीजल विकल्प पाने वाली बाजार में एकमात्र हैचबैक है। हालांकि, अल्ट्रोज की कुल बिक्री में डीजल वेरिएंट की हिस्सेदारी 8 फीसदी है, जबकि पेट्रोल और CNG का योगदान क्रमशः 61 और 31 प्रतिशत है।
डीजल कारों को लेकर कंपनी ने यह कहा
डीजल इंजन वाली गाड़ियों की मांग को लेकर मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी विवेक श्रीवत्स कहा, "हमारे कुछ उत्पादों में डीजल की मांग बढ़ी है।" उनका मानना है कि जब तक उत्सर्जन मानदंड इस पर प्रतिबंध नहीं लगाते, तब तक डीजल की मांग काफी मजबूत बनी रहेगी। उन्होंने आगे कहा, "मुझे नहीं लगता कि इसमें (डीजल की मांग) जल्द ही कमी आएगी।" बता दें, डीजल इंजन से लैस टाटा हैरियर और सफारी की मासिक बिक्री 3,000-4,000 के बीच होती है।