आइकॉनिक स्कूटर: आरामदायक सवारी के लिए जाना जाता था बजाज ब्रावो
दोपहिया वाहन निर्माता बजाज के स्कूटर्स का 80 और 90 के दशक में जलवा रहा है। जब भारतीय बाजार में 2-स्ट्रोक स्कूटर अपना वजूद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, ऐसे वक्त में बजाज ब्रावो ने इस सेगमेंट को फिर से जिंदा कर दिया। कंपनी ने इस आइकॉनिक स्कूटर को नई तकनीकों के साथ 1999 में लॉन्च किया। 2 व्यस्क लोगों के साथ एक बच्चे के लिए बैठने की आरामदायक सुविधा के कारण यह फैमिली स्कूटर बन गया।
ब्रावो में मिलती थीं ये खासियत
ब्रावो का डिजाइन कंपनी के बजाज चेतक से मिलता-जुलता था। इसमें गोलाकार हेलोजन हेडलैंप, फ्रंट पैनल पर कार जैसी छोटी ग्रिल और पारदर्शी टर्न इंडिकेटर के साथ मडगार्ड प्रोटेक्टर मिलता था। साथ ही फ्रंट पैनल के पीछे किट बॉक्स सिंगर-पीस सीट और टेल सेक्शन में स्टेपिनी के नीचे सेंटर में हेलोजन टेललाइट दी गई। सस्पेंशन के लिए आगे एंटी-डाइव सिस्टम के साथ एडजस्टेबल शॉक एब्जॉर्बर और पीछे एडजस्टेबल हाइड्रोलिक सिस्टम दिया गया, जबकि दोनों सिरों पर ड्रम ब्रेक मिलते थे।
नई तकनीक के साथ दमदार था इंजन
बजाज ब्रावो में रीड वाल्व के साथ 145.5cc, एयर कूल्ड, 2-स्ट्रोक इंजन दिया गया था। इस तकनीक से स्कूटर के प्रदर्शन में सुधार हुआ और इंजन 5,500rpm पर 8.1bhp की पावर और 3,500rpm पर 13.2Nm का टॉर्क जनरेट करता था। हैंडलबार में 4-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन मिलता था। यह हाइवे पर आसानी से 90 किमी/घंटा की रफ्तार के साथ 55-60 किमी/लीटर का माइलेज देता था। 2009 में बंद हुए इस दोपहिया वाहन की कीमत 40,000 रुपये के आस-पास रही थी।