आइकॉनिक स्कूटर: 4 सवारियां बैठाकर फर्राटे से दौड़ता था लम्ब्रेटा
इटैलियन कंपनी इनोसेंटी का लम्ब्रेटा स्कूटर अन्तरराष्ट्रीय बाजारों के साथ भारत में भी काफी लोकप्रिय रहे हैं। देश आजाद होने के बाद 1950 में लोगों की किफायती निजी वाहन की आवश्यकता को इस आइकॉनिक स्कूटर ने पूरा किया। यह स्कूटर अपने आधुनिक इतालवी डिजाइन और मजबूत इंजन के लिए जाना जाता था। पूरी स्टील बॉडी में भारी होने से स्कूटर को युवाओं की जगह परिवार के मुखिया चलाना पसंद करते थे, जिससे इसे 'पापा का स्कूटर' भी कहा जाता था।
महिलाओं के लिए भी चलाना था आसान
ऑटोमोबाइल प्रोडक्ट्स ऑफ इंडिया (API) ने 1957 में इनोसेंटी से लाइसेंस लेकर इसकी असेंबलिंग शुरू की। इसे उस समय 'हम दो, हमारे दो' जैसी छोटी फैमिली के हिसाब से डिजाइन किया गया। इसमें स्प्लिट सीट पर 2 वयस्क, सीट आगे एक बच्चा और पीछे स्पेयर पहिए पर दूसरा बच्चा बैठ सकता था। यह हैंडलबार में दिए गियर शिफ्टर के साथ स्पार फ्रेम पर बनाया गया महिलाओं के लिए सवारी में आसान था और इंजन पीछे के पहिये पर लगाया गया।
80 किमी/घंटा की टॉप स्पीड से दौड़ता था स्कूटर
लम्ब्रेटा में 148cc, 2-स्ट्रोक इंजन दिया गया था, जो 5,300rpm पर 6.6bhp का पावर देने में सक्षम था। ट्रांसमिशन के लिए इसे 4-स्पीड ट्रांसमिशन से जोड़ा गया था। ब्रेकिंग के लिए दोनों सिरों पर ड्रम ब्रेक की सुविधा दी और यह स्कूटर 80 किमी/घंटा की टॉप स्पीड से दौड़ने में सक्षम था और 40 किमी/लीटर का माइलेज देता था। 1997 में इस दोपहिया वाहन का प्रोडक्शन बंद कर दिया, उस वक्त इसकी कीमत करीब 10,000 रुपये के आस-पास रही थी।