सरकार इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क में कर सकती है कटौती, नई नीति बनाने पर विचार
क्या है खबर?
देश में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार टेस्ला जैसी कपनियों को शुरुआती सालों में पूरी तरह से असेंबल यूनिट्स पर आयात कर में कटौती देने पर विचार कर रही है।
इसके साथ ही, आधुनिक तकनीक से लैस गाड़ियां बनाने वाली कंपनियों के लिए एक नीति भी बना सकती है, जिसमें स्थानीय सोर्सिंग को शामिल किया जा सकता है।
वर्तमान में, इलेक्ट्रिक कारों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लिया जाता है।
शर्त
देश से कलपुर्जे खरीदने की रहेगी शर्त
TOI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अगर, कार निर्माता भारत में अपने वाहनों के निर्माण पर काम शुरू करने और कंपोनेंट स्थानीय स्तर पर खरीदने के लिए सहमत होते हैं, तो इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क 100 से घटाकर 15 प्रतिशत किया जा सकता है।
सूत्र ने बताया, "सरकार कंपनियों से गारंटी भी लेगी कि पहले 2 वर्षों में करीब 20 फीसदी पार्ट्स स्थानीय स्तर से खरीदे जाएं, जो चौथे वर्ष तक 40 फीसदी तक बढ़ जाएंगे।"
टेस्ला
टेस्ला इस साल खरीदेगी भारत से 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कलपुर्जे
सरकार की इसी नीति का फायदा उठाने के लिए एलन मस्क की कंपनी पहले से तैयारी करके बैठी है।
उसका इस साल भारत से 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कलपुर्जे खरीदने का लक्ष्य है। इससे पहले भी कंपनी 1 अरब डॉलर (करीब 8,300 करोड़ रुपये) के पार्ट्स खरीद चुकी है।
सरकार की इस नई नीति से टेस्ला सहित BMW और ऑडी की इलेक्ट्रिक कार योजनाओं को हरी झंडी मिल सकती है।