व्हीकल रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर के नियमों में बदलाव, दूसरे राज्यों में शिफ्टिंग हुई आसान
केंद्र सरकार ने वाहनों के रजिस्ट्रेशन मार्क को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अब वैसे वाहन जो भारत सीरीज (BH-Series) टैग के साथ आते हैं, उनके मालिकों को एक से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने पर गाड़ी के रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी। इस नए नियम से उन लोगों को बहुत सहूलियत मिलेगी जिन्हे काम के सिलसिले में अक्सर दूसरे राज्यों में शिफ्ट होना पड़ता है। आइये, जानते हैं नियम के बारे में।
किनको मिलेगी ये सुविधा?
नए रजिस्ट्रेशन की सुविधा को फिलहाल अनिवार्य नहीं किया गया है। रक्षा कर्मी, केंद्र और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSUs) के कर्मचारी अपनी इच्छा से इस विकल्प को चुन सकते हैं। इसके अलावा यह निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए भी उपलब्ध होगा, जिनके चार या अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालय हैं। इस नियम को लागू करने का उद्देश्य वाहनों को बिना किसी झंझट के पूरे देश में कहीं भी रखने की सुविधा देना है।
मौजूदा नियम क्या है?
मौजूद समय में भारत में मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत किसी एक राज्य में रजिस्टर्ड गाड़ी को दूसरे राज्य में एक साल से अधिक समय के लिए नहीं रखा जा सकता है। हर राज्य में यह समयावधि अलग-अलग है। वाहन मालिकों को निर्धारित समयसीमा में नए राज्य का रजिस्ट्रेशन टैग प्राप्त करना जरूरी होता है और प्रक्रिया में काफी समय और पैसे खर्च होते हैं। साथ ही रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर फीस राज्यों के हिसाब से अलग-अलग भी होते हैं।
कितना लगेगा टैक्स?
सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि BH सीरीज के तहत दो साल या 4, 6, 8 साल के लिए मोटर व्हीकल टैक्स लगाए जाएंगे। यह योजना निजी वाहनों की मुफ्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी, जब उन्हें नए राज्य में शिफ्ट किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि 14 साल पूरा होने के बाद सालाना मोटर व्हीकल टैक्स लगाया जाएगा। यह टैक्स गाड़ी के लिए पहले वसूले जाने वाले टैक्स रेट का आधा होगा।
दिल्ली में डीलरशिप पर ही मिलेगी RC कॉपी
वाहनों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने भी इसमें नई सुविधा दी है। दिल्ली के परिवहन विभाग की तरफ से जारी नए नियम के मुताबिक अब चालक डीलरशिप पर ही नए वाहन का अस्थाई रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) प्राप्त कर सकेंगे। कोरोना महामारी के चलते यह नियम लागू किया गया है। इससे वाहन खरीदने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए RTO ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी।