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#NewsBytesExplainer: पुतिन-ट्रंप की मुलाकात के लिए अलास्का के इस सैन्य अड्डे को क्यों चुना गया?
15 अगस्त को ट्रंप और पुतिन के बीच बैठक होगी (फाइल फोटो)

#NewsBytesExplainer: पुतिन-ट्रंप की मुलाकात के लिए अलास्का के इस सैन्य अड्डे को क्यों चुना गया?

लेखन आबिद खान
Aug 13, 2025
02:42 pm

क्या है खबर?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 15 अगस्त को बेहद प्रतीक्षित मुलाकात होगी। अमेरिकी टैरिफ और यूक्रेन युद्ध के साये में दोनों नेता करीब 4 साल बाद एक-दूसरे से मिलेंगे। ये बैठक अलास्का के एंकरेज में एक सैन्य अड्डे पर होगी। बताया जा रहा है कि एक हफ्ते पहले ही बैठक की जगह निर्धारित हुई है। आइए जानते हैं आखिर अलास्का का एक सैन्य अड्डा ही क्यों चुना गया।

अलास्का

कभी रूस का हिस्सा था अलास्का

अलास्का पहले रूस का हिस्सा था। साल 1741 में एक रूसी खोजकर्ता ने अलास्का की खोज की थी। इसके बाद रूस ने यहां दावा कर दिया। बाद में दूरी और नियंत्रण में परेशानी आने के कारण 1867 को रूस ने अलास्का को 72 मिलियन डॉलर में अमेरिका को बेच दिया। 1959 में ये अमेरिकी राज्य बन गया। इस वजह से रूस के लिए अलास्का का ऐतिहासिक महत्व भी है, जो बैठक में प्रतीकात्मक संदेश जैसा है।

चुनौतियां

बैठक के लिए अलास्का को ही क्यों चुना गया?

अगस्त में अलास्का में भारी तादाद में पर्यटक आते हैं। ऐसे में होटल समेत सभी आयोजन स्थल पहले से बुक रहते हैं। इस वजह से ट्रंप और पुतिन की बैठक के लिए सैकड़ों प्रतिनिधियों, सुरक्षा कर्मियों और पत्रकारों की मेजबानी करना बेहद चुनौतीपुर्ण काम था। इसके अलावा भी सुरक्षा इंतजामों, मजबूत संचार नेटवर्क समेत तमाम व्यवस्थाएं करनी थीं। अमेरिकी अधिकारियों ने अलास्का के अलावा कई जगहों पर विचार किया, लेकिन कोई भी सुरक्षा और दूसरी जरूरतों पर खरा नहीं उतरा।

एंकरेज

अलास्का के एंकरेज में ही क्यों होगी बैठक?

एंकरेज अलास्का का सबसे बड़ा शहर है। यहां बड़ा हवाई अड्डा भी है, जो बैठक की सबसे अहम जरूरत है। अधिकारियों ने आयोजन स्थल के लिए नियंत्रित हवाई क्षेत्र, सुरक्षित सुविधाएं, काफिले के लिए पर्याप्त जगह और सील किए जाने लायक इलाका चुने जाने की शर्त रखी थी। इन शर्तों पर केवल एंकरेज के उत्तरी किनारे पर स्थित अमेरिकी सेना और वायुसेना का संयुक्त बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन (JBER) ही खरा उतरा। इसलिए इस सैन्य अड्डे को बैठक के लिए चुना गया।

अन्य देश

किसी अन्य देश में क्यों नहीं हुई बैठक

दरअसल, 2023 में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद पुतिन ICC के सदस्य देशों में नहीं जाते हैं। इस वजह से कई यूरोपीय देश सूची से बाहर हो गए। रूस ने इस बैठक के लिए सऊदी अरब का नाम सुझाया था, लेकिन अमेरिका ने कहा कि ये सफर लंबा होगा और हाल ही में ट्रंप सऊदी गए थे। अमेरिका ICC का सदस्य नहीं हैं। इस वजह से रूस ने हामी भरी।

अड्डे का परिचय

अब एल्मेंडोर्फ-रिचर्डसन अड्डे के बारे में जानते हैं

एल्मेंडोर्फ-रिचर्डसन वायु सेना के एल्मेंडोर्फ और अमेरिकी सेना के फोर्ट रिचर्डसन का संयुक्त बेस है। यह अलास्का का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है और यहां 32,000 से सैनिक रहते हैं। एल्मेंडोर्फ-रिचर्डसन में F-22 रैप्टर जैसे विमान तैनात हैं। अमेरिकी वायुसेना कहती है कि इन विमानों की तुलना दुनिया के किसी भी ज्ञात या प्रक्षेपित लड़ाकू विमान से नहीं की जा सकती। 64,000 एकड़ में फैला यह अड्डा आर्कटिक क्षेत्र के लिए बेहद अहम अमेरिकी बेस है।

यूक्रेन

क्या बैठक में जेलेंस्की भी होंगे शामिल?

बैठक से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका और रूस के बीच ऐसा कोई भी शांति समझौता पूरी तरह से अवैध और अप्रभावी होगा, जिसमें यूक्रेन शामिल न हो। उन्होंने यूक्रेन के बिना समाधान को 'मरा हुआ समाधान' कहा था। इसके बाद एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि व्हाइट हाउस कथित तौर पर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को भी बैठक में शामिल करने पर विचार कर रहा है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है।