भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के मायने, क्या हैं वजह और भविष्य की चुनौतियां?
क्या है खबर?
भारत अब जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 4.18 लाख करोड़ डॉलर (करीब 370 लाख करोड़ रुपये) हो गई है। अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से आगे है। सरकार की आर्थिक समीक्षा के अनुसार, आने वाले सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाली है। आइए इस उपलब्धि के मायने समझते हैं।
आंकड़े
क्या कहते हैं आंकड़े?
आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल्य लगभग 370 लाख करोड़ रुपये है, जिससे यह जापान को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि 2026 में संशोधित वार्षिक GDP आंकड़ों से होगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) सहित ज्यादातर एजेंसियां मोटे तौर पर इन आंकड़ों का समर्थन करती हैं। IMF के अनुसार, 2026 में भारतीय GDP लगभग 405 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है, जो जापान से थोड़ी ज्यादा होगी।
सफर
भारत ने कैसे तय किया ये सफर?
2014 में भारत विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। 2022 तक भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लिया था। 2014 में भारत की GDP लगभग 170 लाख करोड़ रुपये थी। 2021 में ये 270 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई। इसके बाद के 4 सालों में अर्थव्यवस्था में एक लाख करोड़ रुपये और जुड़ गए। यानी करीब एक दशक में अर्थव्यवस्था ने 6 से ज्यादा स्थान की छलांग लगाई है।
वजह
क्यों तेजी से बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था?
इस वृद्धि के पीछे संरचनात्मक सुधारों को सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है। इनमें सबसे अहम वस्तु एवं सेवा कर (GST) का कार्यान्वयन है, जिसने एकीकृत बाजार का निर्माण किया। एक अन्य बदलाव दिवालियापन और दिवालिया संहिता (IBC) है, जिसने संकटग्रस्त परिसंपत्तियों के समाधान में सुधार करके और बैंकिंग क्षेत्र की हालत को मजबूत कर वित्तीय प्रणाली को सुधारा है। इसके अलावा डिजिटलीकरण और विनिर्माण की दिशा में व्यापक प्रयासों ने भी GDP बढ़ाने में मदद की है।
प्रति व्यक्ति आय
प्रति व्यक्ति आय के मामले में हम काफी पीछे
विश्व बैंक के अनुसार, 2024 में भारत की प्रति व्यक्ति GDP 2,694 डॉलर थी, जो उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी कम है। जापान की प्रति व्यक्ति GDP 32,487 डॉलर, जबकि जर्मनी की 56,103 डॉलर थी। भारत प्रति व्यक्ति आय के मामले में वियतनाम, श्रीलंका और फिलीपींस जैसे देशों से पीछे है और 122वें स्थान पर है। इसकी बड़ी वजह भारत की आबादी और कार्यबल का एक बड़े हिस्से का अनौपचारिक क्षेत्र में काम करना है।
चुनौतियां
क्या हैं चुनौतियां?
भारत की ज्यादा युवा आबादी एक अवसर और जोखिम दोनों है। इस क्षमता का पूरा लाभ तभी उठाया जा सकता है, जब पर्याप्त उच्च-गुणवत्ता वाले रोजगार हों। बाहरी दबाव भी चुनौती बने हुए हैं। इन चिंताओं का असर मुद्रा बाजारों में भी देखने को मिला है। भारतीय रुपया 2025 में लगभग 5 प्रतिशत गिरा है। दिसंबर की शुरुआत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है।