सरकार ने 100 मिलीग्राम से ज्यादा वाली निमेसुलाइड दवाओं पर लगाया प्रतिबंध
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने दर्द और बुखार में इस्तेमाल होने वाली निमेसुलाइड दवा के 100 मिलीग्राम से अधिक डोज की सभी खाने वाली दवाओं की निर्माण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब निमेसुलाइड बेचने वाली दवा कंपनियों को दवाओं का उत्पादन बंद करना होगा और जो दवाइयां पहले से बाजार में हैं, उन्हें वापस मंगाना होगा। हालांकि, 100 मिलीग्राम से कम डोज की दवाओं पर ये आदेश लागू नहीं होगा।
आदेश
ज्यादा डोज से लिवर पर असर होने की आशंका
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा है। ये दर्द और बुखार में काम आती है, लेकिन इसके ज्यादा डोज से लिवर खराब होने का खतरा है। सरकार का कहना है कि इसके सुरक्षित विकल्प बाजार में मौजूद हैं, इसलिए प्रतिबंध लगाया जा रहा है। ये प्रतिबंध 29 दिसंबर से लागू हो गया है। यह दवा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम, 1940 की धारा 26A के तहत प्रतिबंधित की गई है।
बच्चों
बच्चों के लिए पहले से प्रतिबंधित है निमेसुलाइड
निमेसुलाइड एक नॉन स्टेरॉयडनल दवा है, जिसका पेन किलर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 2011 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए निमेसुलाइड के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। यूरोप के कई देशों में भी निमेसुलाइड टैबलेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। कनाडा, जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी ये बैन है। फरवरी में सरकार ने जानवरों के इलाज में भी इन दवाओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था।