#NewsBytesExplainer: अमेरिका ने यूक्रेन को खुफिया जानकारी देना क्यों बंद की, युद्ध पर क्या होगा असर?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन को लगातार झटके देते जा रहे हैं। पहले राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के साथ बहस के बाद ट्रंप ने अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता पर रोक लगा दी थी।
अब अमेरिका ने यूक्रेन को युद्ध से जुड़ी खुफिया जानकारी साझा करना भी बंद कर दिया है। इस जानकारी का इस्तेमाल यूक्रेन रूस के खिलाफ करता था।
आइए जानते हैं फैसले का क्या असर हो सकता है।
बयान
अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वाल्ट्ज ने यूक्रेन के साथ खुफिया जानकारी साझा करने पर रोक लगाने की पुष्टि की है।
उन्होंने कहा, "हमने एक कदम पीछे ले लिया है। ट्रंप प्रशासन इस संबंध के सभी पहलुओं पर विचार कर रहा है और इसकी समीक्षा कर रहा है। अगर यूक्रेन ने कोई संकेत दिया कि वह युद्ध विराम के लिए बातचीत करने के लिए तैयार है तो रोक हटा दी जाएगी।"
रोक
अमेरिका ने किस तरह की खुफिया जानकारी देने पर रोक लगाई?
अभी इसके बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है कि खुफिया जानकारी किस हद तक रोकी गई है।
यूक्रेनी अधिकारियों ने पहले स्काई न्यूज को बताया कि पहले सिर्फ चुनिंदा खुफिया जानकारी को ही रोका गया था, लेकिन बाद में सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान रोक दिया गया है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका ने ब्रिटेन से कहा है कि वो लंदन को दी गई रूस संबंधी खुफिया जानकारी यूक्रेन के साथ साझा न करे।
मददगार
अमेरिका की खुफिया जानकारी यूक्रेन के लिए कितनी मददगार?
युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका यूक्रेन के साथ उपग्रह चित्रों और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी समेत कई अहम खुफिया जानकारी साझा कर रहा है। इससे यूक्रेन को रूस के खिलाफ रणनीति बनाने और अपना बचाव करने में अहम मदद मिलती है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अमेरिकी खुफिया जानकारी ने यूक्रेन को रूसी जासूसी उपग्रहों पर नजर रखने, रूस के कमांडरों की बातचीत सुनने और रूसी वायु रक्षा की लोकेशन पर नजर रखने में सक्षम बनाया है।
हमले
अमेरिकी मदद से यूक्रेन ने किन हमलों को अंजाम दिया?
13 अप्रैल, 2022 को यूक्रेन ने रूस के युद्धपोत मोस्कवा पर मिसाइल हमला कर डुबा दिया था। माना जाता है कि सैकड़ों किलोमीटर दूर इस हमले को अंजाम देने में अमेरिका ने यूक्रेन की मदद की थी।
इसी साल 6 फरवरी को यूक्रेन ने रूस के प्रिमोर्स्क-अख्तरस्की एयरबेस पर हमला किया था। यहां से रूस ने कई ड्रोन यूक्रेन पर दागे थे। कथित तौर पर इस हमले में भी अमेरिका ने यूक्रेन की मदद की थी।
असर
फैसले का यूक्रेन पर क्या होगा असर?
जानकारों का कहना है कि अमेरिकी खुफिया जानकारी के बिना यूक्रेन लंबी दूरी के पश्चिमी हथियारों का उपयोग नहीं कर पाएगा।
BBC के अनुसार, यूक्रेन के हवाई हमले के सायरन और मोबाइल फोन अलर्ट सभी को अमेरिकी उपग्रहों द्वारा प्रदान किए गए चेतावनी डेटा द्वारा सूचित किया जाता है, जो रूसी क्षेत्र में विमान और मिसाइल प्रक्षेपण का पता लगा सकते हैं।
वहीं, टेलीग्राफ ने लिखा कि अमेरिकी जानकारी के बिना यूक्रेन युद्ध में अंधा हो जाएगा।
विशेषज्ञ
फैसले पर क्या कह रहे हैं जानकार?
अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अधिकारी मार्क पॉलीमेरोपोलोस ने NBC न्यूज से कहा, "इससे जो संकेत मिलता है वह भयावह है। यह बाकी दुनिया के लिए एक संकेत है कि अमेरिका एक भरोसेमंद सहयोगी नहीं है।"
CIA में 28 साल काम कर चुके जॉन सिफर ने कहा, "खुफिया सहायता बंद करने का निर्णय मूर्खतापूर्ण और बिना सोचे-समझे लिया गया है। अच्छे खुफिया सहयोग को गुप्त और राजनीति की अनिश्चितताओं से दूर रखा जाना चाहिए।"